अब जूट-नारियल की जटाओं से देहात की सड़कें भी बनेंगी 

०केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दी मंजूरी

०गडकरी की पहल पर किया गया फैसला


न्यूज प्रहरीनई दिल्ली, ।
अब देश के देहातों की सड़कों को भी ऑलवेदर किए जाने की तैयारी है। इसके लिए इन सड़कों का निर्माण जूट, नारियल की जटाओं और कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स सीजीटी के तहत आने वाले ऐसे ही अन्य उत्पादों की मदद से किया जाएगा। सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पीएमजीएसवाई-3 के तीसरे चरण के तहत इन सड़कों के निर्माण की घोषणा की। ये सड़कें हर मौसम के लिए ज्यादा टिकाऊ होंगी और देश में दम तोड़ रहे सीजीटी उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।


दरअसल यह कवायद केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर चालू की गई है, जिसे ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हरी झंडी दिखा दी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण ढांचागत विकास एजेंसी ने इसके लिए एक कम्युनिकेशन भी जारी किया है, जिसमें पीएमजीएसवाई-3 के तहत सीजीटी उत्पादों का उपयोग करने की बात कही गई है।पीएमजीएसवाई की गाइडलाइंस के मुताबिक हर सड़क के प्रस्ताव में कुल लंबाई के 15 फीसदी के निर्माण में नई प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा। इस 15 में से 5 फीसदी हिस्सा भारतीय सड़क कांग्रेस आईआरसी की तरफ से मान्यता प्राप्त आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। आईआरसी ने ग्रामीण सड़कों के लिए सीजीटी तकनीक को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब सड़क निर्माण में 5 फीसदी हिस्सा इस नई तकनीक से किया जा सकता है।


किस राज्य में कितनी लंबी सड़क


आंध्र प्रदेश में 164 किलोमीटर, गुजरात में 151, केरल में 71 किलोमीटर, महाराष्ट्र में 328 किलोमीटर, ओडिशा में 470 किलोमीटर और तेलंगाना में 121 किलोमीटर सड़क के निर्माण में फिलहाल सीजीटी का उपयोग किया जाएगा।




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