बड़ा है प्रदूषण का खतरा


जल प्रदूषण के मामले में भारत की स्थिति काफी खराब है, तो वहीं चीन भी जल प्रदूषण से जूझ रहा है। दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियां भी इंडोनेशिया, भारत और चीन में ही हैं। भारत में फ्लोराइड युक्त प्रदूषित जल पंजाब और हरियाणा में कैंसर का मुख्य कारण है। तो वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान सहित देश के विभिन्न स्थानों पर आर्सेनिक युक्त पानी भी विभिन्न बीमारियों का कारण बन रहा है। प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिससे होने वाली मौतों और इससे होने वाले नुकसान का पता लगाने का कोई सटीक वैज्ञानिक आधार फिलहाल मौजूद नहीं है, लेकिन यह एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जो 24 घंटे हमें नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि पश्चिमी देश प्रदूषण के लिहाज से अपनी जिम्मेदारी से भागते रहे, किंतु इससे होने वाले भयावह नुकसान से दुनिया का कोई भी देश नहीं बचा है। प्रदूषण विश्व के लिए टाइम बम की घड़ी की तरह खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है। दुनियाभर के लोगों के लिए वायु प्रदूषण बेहद ही खतरनाक है। प्रदूषण के चलते पूरी दुनिया में हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई धूम्रपान और एचआईवी से ज्यादा बड़ी है। प्रदूषण की वजह से भारत में एक साल में लगभग 24 लाख लोगों की जान चली गई। इसके अलावा वायु प्रदूषण से 9.8 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। विशेषज्ञों ने इस जहरीली हवा में सांस लेने से होने वाली मौतों और उनकी भयावहता पर गहरी चिंता व्यक्त की है। मानव निर्मित कचरा हवा, पानी और मिट्टी में जाने के बाद लोगों को तुरंत नहीं मारता, लेकिन हृदय रोग, कैंसर, सांस की समस्या, दस्त और अन्य घातक गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। प्रदूषण के बड़े कारणों में घरेलू वायु प्रदूषण भी शामिल है। वायु प्रदूषण को सिर्फ चिमनी से निकलने वाले धुआं ही नहीं माना जा सकता है। चूल्हे का धुआं, कूड़ा जलाने आदि से निकलने वाला धुआं भी उतना ही खतरनाक है जितना कि औद्योगिक इकाइयों और वाहनों से निकलने वाला धुआं है। प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिससे होने वाली मौतों और इससे होने वाले नुकसान का पता लगाने का कोई सटीक वैज्ञानिक आधार फिलहाल मौजूद नहीं है, लेकिन ये एक ऐसी बीमारी बन चुका है जो 24 घंटे हमें नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि पश्चिमी देश प्रदूषण के लिहाज से अपनी जिम्मेदारी से भागते रहें, किंतु इससे होने वाले भयावह नुकसान से दुनिया का कोई भी देश नहीं बचा है। प्रदूषण मुक्त विश्व के लिए आंदोलन चलना चाहिए।

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