मशरूम दिवस पर शोध से रोजगार तक का संदेश, पोषण सुरक्षा का सशक्त माध्यम
मेरठ। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में शुक्रवार को मशरूम रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में मशरूम दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक मशरूम उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपणन की वैज्ञानिक जानकारी पहुंचाना रहा।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. गोपाल सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष मशरूम दिवस का आयोजन किया जाता है, ताकि किसान, युवा और महिलाएं इस लाभकारी उद्यम से जुड़ सकें और आय के नए अवसर तलाश सकें।
निदेशक ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट डॉ. आर.एस. सेंगर ने कहा कि मशरूम केवल पोषण ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों और रोजगार से भी जुड़ा है। कम लागत और कम जगह में सालभर आय देने वाला यह व्यवसाय युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाता है। कृषि अवशेषों, जैसे भूसा आदि का उपयोग कर अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। भविष्य में मशरूम एक सुपर फूड के रूप में पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत मिश्रा ने बाजार में मशरूम की लगातार बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला। वहीं प्रो. पी.के. सिंह ने कहा कि मशरूम खेती, कटाई, प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करता है। कम पूंजी और सीमित भूमि वाले किसान भी इसे अपनाकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।


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