आरटीओ में पकड़ा गया फर्जी आरसी बनाने वाला गैंग 

लिपिक समेत कई दलाल लग्जरी गाड़ियों की फर्जी आरसी  बनाते थे, जांच के आदेश

मेरठ। मेरठ आरटीओ कार्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो आरटीओ के रिकॉर्ड में सेंध लगाकर चोरी की लग्जरी गाड़ियों के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) तैयार करता था। इस गिरोह का मास्टरमाइंड आरटीओ कार्यालय का एक लिपिक बताया जा रहा है, जिसके साथ कई दलाल भी शामिल थे।

पुलिस के अनुसार, परतापुर थाना क्षेत्र के गांव गगोल निवासी शहजाद, रविंदर और प्रवीण इस गिरोह के सक्रिय सदस्य थे। ये लोग आरटीओ लिपिक दीपक के संपर्क में थे। दीपक की मदद से वे फर्जी आरसी तैयार करवाते और फिर चोरी की गाड़ियों को वैध कागजों के साथ ऊंचे दामों पर बेच देते थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी दीपक फरार है और उसकी तलाश जारी है।

इस सनसनीखेज खुलासे के बाद आरटीओ कार्यालय में हड़कंप मच गया है। विभागीय साख पर सवाल उठने के बाद आरटीओ अधिकारियों ने मेरठ के डीएम डॉ. वी.के. सिंह को पत्र लिखकर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

डीएम डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि आरटीओ अधिकारियों से बाहरी हस्तक्षेप की शिकायतें पहले भी मिली थीं। इसी के चलते एडीएम सिटी बृजेश कुमार और एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को कार्यालय की सतत निगरानी और छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे फर्जीवाड़ों में संलिप्त किसी भी कर्मचारी या बाहरी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

 बतादें  मेरठ आरटीओ में इससे पहले भी कई बार फर्जी आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले गिरोह पकड़े जा चुके हैं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं।

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