टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ शिक्षकों ने भरी हुंकार

​जनपद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

प्रधानमंत्री के नाम भेजे ज्ञापन में ​टीईटी से मुक्त करने की मांग की

मेरठ।  टीईटी की अनिवार्यता के आदेश के खिलाफ मंगलवार को ​प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में हुंकार भरी। जिलेभर से यहां पहुंचे परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने यहां जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन करने के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्होंने इस आदेश में हस्तक्षेप करते हुए इसे वापस लिए जाने की मांग की है। 

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भारत सरकार द्वारा 10 अगस्त 2017 को लागू किए गए नए नियम के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई। जिलेभर से यहां पहुंचे शिक्षक-शिक्षिकाएं कलेक्ट्रेट में सभा की। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ​राकेश तोमर और संचालन जिला मंत्री डा. सविता शर्मा ने किया। साथ ही संरक्षक पंडित सुरेश चंद शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सभा में जिलाध्यक्ष राकेश तोमर ने कहा कि 10 अगस्त 2017 को भारत सरकार द्वारा लागू किए गए इस कानून ने शिक्षकों के अधिकारों पर कुठाराघात किया है 2011 से पूर्व से कार्यरत शिक्षक हैं, उन्हें टीईटी से मुक्त किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षक समाज चुपचाप बैठने वाला नहीं है और जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। डॉ. सविता शर्मा ने कहा कि यह आंदोलन केवल शिक्षकों के अधिकारों के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा के भविष्य को बचाने की भी लड़ाई है। सभा के बाद शिक्षक नारे लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय की ओर बढ़े और जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन सौंपा। इसमें प्रधानमंत्री से शिक्षकों ने 10 अगस्त 2017 के कानून को तत्काल प्रभाव से वापस लेने और शिक्षकों के हितों की रक्षा करने की मांग की गई। जिससे 2011 पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से मुक्ति मिले। शिक्षकों का कहना है कि ​जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता है, तब तक शहर के साथ ब्लॉक और तहसील स्तर पर भी विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही आंदोलन को तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में सभी ब्लॉक के सभी अध्यक्ष-मंत्री उपस्थित रहे। इनमें अनुज शर्मा, कुलदीप, नीरज, सुधीश, शोवीर, दीपक, प्रेमचंद, वीरेंद्र, नितिन, कृष्ण गोपाल, मंगल सिंह समेत अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल रहीं। 

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