वामा साहित्य मंच ने मनाया हिंदी दिवस
हिंदी से हिंदुस्तान, अपनी भाषा, अपना मान
इंदौर। वामा साहित्य मंच, इंदौर द्वारा मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में हिंदी से हिंदुस्तान, अपनी भाषा, अपना मान विषय पर हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर की लेखिकाओं व साहित्यकारों ने भाग लिया और हिंदी भाषा के विभिन्न आयामों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से प्रीति मकवाना ने किया। स्वागत उद्बोधन वामा अध्यक्ष ज्योति जैन ने दिया तथा हिंदी के विषय में कहा कि हिंदी दिवस कहने की जगह राजभाषा दिवस कहना उचित है। हिंदी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनाने का प्रयास नहीं आंदोलन होना चाहिए। आज हिंदी में हस्ताक्षर हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
साहित्यिक विधाओं पर चर्चा करते हुए उषा गुप्ता, आशा गुप्ता ने हिंदी अनुराग की भाषा बनें न कि वैचारिक मतभेद की पर अपने विचार रखे। अंजना सक्सेना और रेखा मण्डलोई ने हिंदी भाषा में नवाचार विषय अपना तर्क दिया। नीरजा जैन ने सामाजिक माध्यमों में हिंदी का प्रभाव बताया। भावना दामले, तनुजा चौबे, अनुपमा गुप्ता और काजल मजूमदार ने हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं द्वारा सामाजिक हित चिंतन पर अपनी बात रखी, सपना सी.पी. साहू (स्वप्निल) ने समाचार पत्रों में हिंदी की स्थिति पर ज्ञानवर्धन किया। डॉ. शालिनी बड़ोले ने हिंदी की उत्पत्ति और जीवन यात्रा पर मत रखा तथा निरुपमा नागर, आशा मानधन्या और विभा जैन (ओज्स) जैसी लेखिकाओं ने अपनी हिंदी भाषा की स्थिति पर व्यंग्य कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को गुदगुदाया और हिंदी की दशा पर सोचने को विवश किया।
आयोजन में मुख्य अतिथि डाॅ. राकेश शर्मा ने संपादक की कठिनाईयों पर प्रकाश डाला और कहा भारत को बोलने की जरूरत हुई तब हिंदी से अधिक उपयुक्त कोई भाषा विस्तारित नहीं थी और डाॅ. सरजू प्रसाद तिवारी ने राजभाषा बनाने में योगदान दिया। हमारे पुरखों ने हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए नौकरी तक को छोड़ा है, उन्होंने जो संघर्ष किया और योगदान दिया है वह प्रणाम योग्य है। 1918 में जब गांधी जी इंदौर आए तो कहा था कि दुनिया को बता दो कि वे अंग्रेजी भूल चुके है। वे स्वयं हिंदी के विद्यार्थी नहीं है पर तुलसीदास जी के भक्त है इसलिए वह हिंदी से अलग नहीं हो सकते। मुख्य अतिथि ने हिंदी दिवस की जगह पाणिनी के जन्मदिवस को भाषा दिवस के रूप में बनाना चाहिए विचार रखा तथा हिंदी दिवस की सभी को बधाई व शुभकामनाएं दी।
अतिथियों का स्वागत सचिव स्मृति आदित्य ने किया। कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन अनिता जोशी ने तथा सफल आयोजन में संयोजक के रूप में वैजयंती दाते और वाणी जोशी का विशेष योगदान रहा। आभार प्रदर्शन डाॅ. किसलय पंचोली ने माना।
No comments:
Post a Comment