सीसीएसयू में स्थापित होगा स्मार्ट ऑटोमेटेड वेदर स्टेशन
IITM टीम ने विश्वविद्यालय चुना और दौरा कर, किए शोध समझौते पर हस्ताक्षर
मेरठ।चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, में शोध एवं नवाचार को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार का स्वायत्त संस्थान है, ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम “मिशन मौसम” के अंतर्गत सीसीएसयू को स्मार्ट ऑटोमेटेड वेदर स्टेशन (AWS) स्थापित करने के लिए चयनित किया है।
इस अवसर पर आईआईटीएम दिल्ली शाखा के प्रभारी अधिकारी डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय का दौरा किया और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ शोध सहयोग समझौते (MoU) की पहल की। इस टीम में डॉ. थारा प्रभाकरण (प्रोजेक्ट डायरेक्टर, IITM पुणे) और डॉ. शिवशाई दीक्षित (प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, IITM पुणे) भी शामिल रहे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता (प्रो-वीसी) और प्रोफेसर बीरपाल सिंह (रिसर्च डायरेक्टर, सीसीएसयू मेरठ) विशेष रूप से उपस्थित रहे।
स्मार्ट एडब्ल्यूएस की प्रमुख विशेषताएँ हैं—पूरी तरह से सौर ऊर्जा एवं बैटरी बैकअप से संचालित, शून्य रखरखाव और अत्यंत कम क्षेत्र में स्थापना। यह प्रणाली तापमान, आर्द्रता, पवन की गति और दिशा, वायुमंडलीय दबाव तथा वर्षा जैसी ज़मीनी परिस्थितियों की रीयल-टाइम निगरानी करेगी।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि “विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाला यह स्मार्ट वेदर स्टेशन न केवल आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी प्रणालियों को सुदृढ़ करेगा, बल्कि छात्रों और शोधकर्ताओं को भी वास्तविक समय के आंकड़ों पर आधारित अध्ययन एवं शोध का अवसर देगा। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि सीसीएसयू राष्ट्रीय जलवायु लचीलापन मिशन का सक्रिय भागीदार बनेगा।”
प्रोफेसर बीरपाल सिंह (रिसर्च डायरेक्टर, सीसीएसयू) ने कहा कि “यह परियोजना विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य से जोड़ेगी। मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान खोजने में यह स्मार्ट स्टेशन सहायक सिद्ध होगा। हमारे शोधार्थियों को उच्च गुणवत्ता का डेटा उपलब्ध होगा, जिससे वे नई तकनीकों और समाधान विकसित कर सकेंगे।”
आईआईटीएम दिल्ली शाखा के प्रभारी अधिकारी डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि “चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान के साथ सहयोग करना हमारे लिए गौरव की बात है। यहां स्थापित होने वाला स्मार्ट AWS दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए मौसम विज्ञान संबंधी सटीक आंकड़े उपलब्ध कराएगा।”
परियोजना निदेशक डॉ. थारा प्रभाकरण ने कहा कि “इस साझेदारी से छात्रों और शोधकर्ताओं को रीयल-टाइम डेटा पर आधारित शोध करने का अवसर मिलेगा। जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम की घटनाओं के अध्ययन में सीसीएसयू का योगदान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम रहेगा।”
विश्वविद्यालय की ओर एम ओ यू परियोजना की समन्वयक प्रो. बिंदु शर्मा ने कहा कि “इस स्मार्ट स्टेशन से छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण मिलेगा और उन्हें सटीक डेटा पर काम करने का अवसर मिलेगा। साथ ही स्थानीय समुदाय को भी मौसम पूर्वानुमान की बेहतर जानकारी प्राप्त होगी, जिससे कृषि और आपदा प्रबंधन में लाभ मिलेगा।”
भविष्य के लाभ
इस समझौते और स्मार्ट वेदर स्टेशन की स्थापना से भविष्य में अनेक लाभ प्राप्त होंगे—
छात्रों और शोधार्थियों को रीयल-टाइम और उच्च गुणवत्ता का डेटा उपलब्ध होगा।
आपदा प्रबंधन और पूर्व चेतावनी तंत्र को मजबूती मिलेगी।
कृषि क्षेत्र को सटीक मौसम पूर्वानुमान से सीधा लाभ होगा।
जलवायु परिवर्तन, वायु गुणवत्ता और पर्यावरणीय चुनौतियों से संबंधित शोध को नई गति मिलेगी।
विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर शोध क्षमता और सहयोग को पहचान मिलेगी।
आईआईटीएम और सीसीएसयू के बीच यह समझौता न केवल शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को सशक्त करेगा, बल्कि समाज और राष्ट्रहित में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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