फतवा ! डीजे पर थिरकना इस्लामी उसूलों के खिलाफ 

 ईद ए मिलादुन्नबी 16 को, जुलूसों में डी जे प्रतिबंधित 
मेरठ । ईद ए मिलादुन्नबी 16 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन मेरठ शहर में बड़े धार्मिक जुलूस निकाले जाएंगे। उधर दूसरी और इन धार्मिक जुलूसों में डी जे पर थिरकने वालों के खिलाफ उलेमाओं ने फतवा जारी किया है। 
बरेलवी उलेमाओं द्वारा जारी किए गए फतवे में कहा है कि डीजे और नाच गाना पूरी तरह से नाजायज व हराम है। चेतावनी दी गई कि मुस्लिम नौजवान इससे बाज आएं। उन्होंने नौजवानों को स्पष्ट  किया कि शरीयत के खिलाफ कोई भी काम न करें। "चश्म ए दारूल इफ्ता" के हेड मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को एक फतवा जारी करते हुए कहा कि कुछ मुस्लिम नौजवान जुलूस ए मुहम्मदी जैसे धार्मिक जुलूसों और उर्स के आयोजनों के दौरान डी जे पर खूब थिरकते हैं, जोकि पूरी तरह से नाजायज है। जारी किए गए फतवे में कहा गया है कि धार्मिक जुलूस के दौरान बजाई जाने वाली नात ए पाक पर भी बड़ी संख्या में युवा हाथों में रुमाल लेकर उन्हें लहराते हैं और थिरकने लगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करना नाते पाक के लफ्ज (शब्द) की भी बेहुरमती    (बेइज्जती) है। फतवे में कहा गया है कि ये तमाम कार्य शरियत (इस्लामी कानून) की नजर में नाजायज और हराम है। फतवे में आगे कहा गया है कि शरीयत ने गाने, बजाने और डांस को शैतानी अमल बताया है। यह भी कहा गया है कि पैगम्बरे इस्लाम के पाक जुलूस (ईद मिलादुन्नबी) में इस तरह की हरकतो से इस्लाम बदनाम होता है। उलेमाओं के अनुसार खुदा के मुकद्दस वालियों और सूफियों के उर्स में चादरपोशी के जुलूस के दौरान इन शैतानी रस्मों को  करना बुराइयों को और बढ़ा देता है। फतवे में यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर ऐसे लोग बाज न आएं तो उन्हें धार्मिक आयोजनों से बाहर कर दिया जाए।

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