सपा के महापौर के पत्ते खोलने पर रालोद में नाराजगी की सूर दिखे
रोलोद नेताओं को गुस्सा फूटा गठबंधन में पड सकती है दरार
मेरठ। नगर निगम चुनाव में बीती रात को सपा से सीमा प्रधान का टिकट होने के बाद रालोद नेताओं में भारी रोष है। अंदर ही अंदर रालोद कार्यकर्ता में गुस्सा फूट रहा है। विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी गठबंधन में रालोद को नकारा गया है। रालोद से बड़े नेता महापौर से टिकट की रेस में थे। जो चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन टिकट सपा के खाते में जाने से रालोद नेताओं की चुनावी उम्मीदें टूट गई हैं। इससे कार्यकर्ताओं में गठबंधन को लेकर नाराजगी है। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि 2 दिन बाद रालोद की मुख्य बैठक दिल्ली में होने जा रही है। बैठक में निकाय चुनाव में टिकटों के बंटवारे पर चर्चा होगी। चर्चा ये भी है कि टिकट बंटवारे पर जयंत चौधरी, अखिलेश से मिलकर इस मुद्दे पर बात करेंगे।
रालोद प्रमुख जयंत चौधरी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर तीनों की मुलाकात मध्यप्रदेश के महू में हो रही है। तीनों नेता बाबा भीमराव आंबेडकर की जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू जा रहे हैं। 14 अप्रैल को मऊ में तीनों नेता बाबा साहेब के जयंती समारोह में रहेंगे। जयंती समारोह के बाद जयंत, अखिलेश से पर्सनली मिलकर टिकटों के बंटवारे पर चर्चा करेंगे। गठबंधन में टिकटों के वितरण पर वहीं बात होगी।
रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने बताया कि मेरठ के अलावा अन्य जिलों में अभी सीटें बाकी हैं, जिन पर टिकट की घोषणा होना है। रालोद मजबूती से अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। उम्मीद है कि गठबंधन में रालोद के खाते में टिकट आएंगे। मेरठ के टिकट पर 2 दिन बाद दिल्ली में कमेटी बैठक है। फिर अपनी बात रखेंगे। मेरठ में रालोद जिलाध्यक्ष मतलूब गौड़ की मानें तो रालोद से 10 बड़े नेताओं ने मेयर के टिकट का आवेदन किया है। गठबंधन और टिकटों के बंटवारे पर पार्टी हाईकमान का आदेश सर्वोपरि है। पार्षद और नगर पंचायत, नगरपालिका के टिकटों पर रालोद मजबूत दावेदारी करेगा। गठबंधन अच्छा चुनाव लड़ेगा।
रालोद कार्यकर्ताओं में गुस्सा है कि सपा-रालोद गठबंधन में एक बार फिर उन्हें दरकिनार किया गया है। जिस तरह विधानसभा चुनाव 2022 में रालोद को मनमाफिक टिकट नहीं मिले। मेरठ में विधानसभा चुनाव में 7 सीटों में से रालोद के खाते में केवल एक सीट आई थी। मेयर चुनाव से उम्मीद थी कि गठबंधन में इस बार सीट रालोद के खाते में जाएगी। लेकिन सपा ने पहले ही विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा को टिकट देकर रालोद की उम्मीदों को तोड़ा है।
रालोद के नेताओं में गठबंधन में टिकट सपा के खाते में जाने से अंदर ही अंदर विरोध के सुर फूट रहे हैं। रालोदियों का कहना है कि गठबंधन रालोद के नेताओं पर भारी पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में रालोद 7 में से 5 सीटों पर दावेदार था। लेकिन सीट केवल एक मिली। कैंट से मनीषा अहलावत ने रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ा। सिवालखास से गुलाम मोहम्मद का सपा से टिकट हुआ विरोध के बाद रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ा जीते।


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