शांति व सुरक्षा के लिए हुई थी संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना आशीष कौशिक
. 16 विद्यार्थियों ने पढे शोध पत्र
. संयुक्त राष्ट्र दिवस की पूर्व संध्या पर संगोष्ठी का आयोजन
मेरठ। शांति व सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई थी। तत्कालीन अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों में संयुक्त राष्ट्र चार्टर में दिये गये संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख दायित्व जोकि अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा है तथा विभिन्न देशों में जमीन व समुद्र को लेकर चल रहे विवादों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हाल ही में चल रहे युक्रेन.रूस युद्ध की अन्तर्राष्ट्रीय विधि में वैद्यता व संयुक्त राष्ट्र द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को पूर्ण स्थापित करने के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। अन्तर्राष्ट्रीय विधि में वर्णित गैर हस्तक्षेप के सिद्धान्त व देशो में चल रहे जमीनी व समुद्री विवादों को लेकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लिये गये निर्णयोंए जिसमें कि अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा बनायी जा सकेंए से अवगत कराया। यह बात विधि अध्ययन संस्थान में संयुक्त राष्ट्र दिवस की पूर्व संध्या पर अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में अशीष कौशिक ने कही।
प्रो. विघ्नेश कुमार ने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना पर प्रकाश डालते हुये बताया कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति विड्रो विल्सन ने 14 सिद्धान्त, शान्ति सुरक्षा पर दिये थे। जिन पर अमल न होने की वजह से लीग ऑफ नेशन का पतन हुआ और विश्व को 20 वर्ष के अन्दर ही द्वितीय विश्वयुद्ध झेलना पड़ा। उन्होंने लीग के पेरिस सिद्धान्त की व्याख्या करते हुये विश्व में शान्ति और सुरक्षा को एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था का अहम दायित्व बताया। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र का गठन भी इन्ही सिद्धान्तों पर हुआ है। जिनमें अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा संयुक्त राष्ट्र का मुख्य दायित्व है। उन्होंने भारत का अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति सुरक्षा में योगदान पर प्रकाश डालते हुये भारत के स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चन्द्र बोस व महात्मा गाँधी के योगदानों का विश्लेषण किया।
संगोष्ठी में संस्थान में अध्ययरत् विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। जिनमें शोध पत्रों में छात्र.छात्रों ने प्रमुखत: अर्न्राष्ट्रीय विधि में ज्वलन्त विषय जैसे.राष्ट्रों के बीच क्षेत्रीय विवाद, निजता का अधिकारए नक्सलीय मतभेद, पर्यावरण सुरक्षा आदि पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। संगोष्ठी में कुल 16 शोध पत्र प्रस्तुत हुये। इस सम्बन्ध में शोधार्थियों को शोध करने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रो. विघ्नेश कुमार, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग तथा विधि अध्ययन संस्थान के समंवयक डॉ. विवेक कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन बीएएलएलबी पंचम सेमेस्टर की छात्रा नेन्सी शर्मा ने किया। अपेक्षा चौधरी, सहायक आचार्य ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के संयोजक डा. विकास कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विभाग के शिक्षक सुदेशना, डा.कुसुमा वती, डा. धनपाल सिंह, डा. महिपाल सिंह, डा. मीनाक्षी, अरशद, अपूर्व मित्तल,तरूण कुमार एवं छात्र.छात्रायें आदि उपस्थित रहें।



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