गर्भवती भी लगवा सकतीं हैं कोविडरोधी टीका,  यह है मजबूत सुरक्षा कवच

मां के दूध से नहीं होता कोविड का संक्रमण, कोविड प्रोटोकॉल के तहत कराएं स्तनपान


मुजफ्फरनगर, 18 जनवरी 2022।कोरोना से लोगों को बचाने के लिए सरकार द्वारा तमाम तरह के उपाय किये जा रहे हैं। कोरोना टीकाकरण से लेकर मास्क, सेनिटाइजेशन और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह भी दी जा रही है। इसी क्रम में गर्भवती को कोरोना से बचाने के लिए तथा जच्चा बच्चा को कैसे सुरक्षित रखें, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुझाव दिए जा रहे हैं। बच्चों, गर्भवती और बुजुर्गों से कोरोनारोधी टीकाकरण कराने की अपील की जा रही है।

"कोविड के लक्षण हैं तो क्या करें

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व आरसीएच डॉ. राजीव निगम के कहना है -सिर्फ दूध पिलाने वाली मां को ही नहीं हर किसी को गाँठ बांध लेनी चाहिए कि माँ के दूध से बच्चे को संक्रमण का खतरा अपवाद (रेयर) है। संक्रमण सिर्फ ड्राप्लेट (मुंह और नाक से सांस लेने,खांसने,छीकने या थूकने के दौरान निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदें ) से फैलता है। संक्रमण के लक्षण वाली महिलाएं अगर संभव हो तो जिस कमरे में आइसोलेट हों बच्चे को उससे अलग कमरे में रखें। अपने कमरे में ब्रेस्ट पंप से दूध निकालकर जो बच्चे की देखरेख कर रहा हो, उसे पिलाने को दें। दूध निकालने के पहले हर बार ब्रेस्ट पंप को सैनिटाइज जरूर करें।"

अगर संक्रमण के लक्षण नहीं हैं तो

ऐसी महिलाएं कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए बच्चे को आइसोलेट होने वाले कमरे में साथ रख सकती हैं। कमरे में बच्चे को दो मीटर की दूरी पर रखें। हर समय प्रॉपर तरीके से मास्क (एन-95) लगाकर रखें। हर बार दूध पिलाने से पहले कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार साबुन से हाथ को जरूर धुलें। मास्क प्रॉपर तरीके से लगा है कि नहीं यह जरूर चेक कर लें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा है कि कोविड के दौरान भी महिला को बच्चे को दूध पिलाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। यह दोनों के लिए लाभदायक है।

उन्होंने कहा गर्भावस्था महिलाओं के लिए एक खास अवस्था होती है ऐसे में उनको सांस संबंधी दिक्कत अधिक हो सकती है। इस अवस्था में वह सांस संबंधी कुछ संस्तुत मेडिकेशन भी नहीं कर सकती हैं। ऐसी महिलाओं के इलाज में यह एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा  गर्भावस्था में भी टीका लगवा सकते हैं, इससे कोई खतरा नहीं है। वैसे तो वह कभी भी टीका लगवा सकती हैं, पर सबसे बढ़िया समय गर्भावस्था के तीन महीने के बाद का होता है। दोनों टीकों के बीच अंतराल भी उतना ही होगा जितना सामान्य लोंगों के लिए। आंख,मुंह,नाक और मास्क को न छूना। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचना। उन जगहों या चीजों (दरवाजे के हैंडिल,मेज,लाइटर, बाहर से आये समान के गत्ते आदि) को छूने से बचना, जिनको लोग छूते हों। कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धुलना, सैनिटाइजर का प्रयोग कोविड के ये सामान्य प्रोटोकाल सबके लिए हैं।

जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  (सीएमएस) डॉ. आभा आत्रेय का कहना है- कोरोना का टीका कई तरह के इंफेक्शन को कम कर सकता है। यह अपने आप में मजबूत सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा कोरोना टीकाकरण को लेकर गर्भवती महिलाओं में पहली और दूसरी लहर के बाद से काफी जागरूकता आई है। उन्हें बड़ा सुरक्षा कवच मिल गया है।

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