सात साल में एचआईवी से ग्रसित 63 गर्भवती का सुरक्षित प्रसव

50 बच्चे संक्रमण से किये गए सुरक्षित, 
दो को नहीं किया जा सका एचआई से मुक्त, अन्य 11 का उपचार जारी 
सात वर्षों में करीब 200973 लोगों की हुई एचआईवी जांच, 888 निकले पॉजिटिव


नोएडा, 30 नवम्बर 2021।
 ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक लेंटिवायरस है, जो अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का कारण बनता है। अब से दो दशक पहले तक एचआईवी संक्रमण को जानलेवा माना जाता था, लेकिन चिकित्सा जगत में हुई तरक्की और चिकित्सकों के प्रयास से इस बीमारी से होने वाली मृत्यु पर काफी हद तक काबू पाया गया है। वैसे तो संक्रमण फैलने के कई माध्यम हो सकते हैं लेकिन गर्भवती महिला से उसके बच्चे को यह संक्रमण होने की आशंका सबसे अधिक होती है। दरअसल गर्भ में पल रहा शिशु अपने पोषण के लिए मां पर ही निर्भर रहता है ऐसे में उसके संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। अच्छी बात यह है कि अब उपचार से ऐसे बच्चों को एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सकता है जिनकी मां एचआईवी पॉजिटिव हैं। 
 जनपद गौतमबुदध नगर में स्वास्थ्य विभाग लगातार एड्स जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत जहां लोगों की काउंसलिंग की जाती है, जांच की जाती है वहीं उन गर्भवती का सुरक्षित प्रसव भी कराया जाता है, जो एचआईवी पॉजिटिव होती हैं। विभाग के प्रयासों से 2010 से अब तक एचआईवी पॉजिटिव पायी गयीं 63 गर्भवती के प्रसव कराये गये। इनमें 50 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें एचआईवी संक्रमण से बचा लिया गया है। दो बच्चे एचआईवी पॉजिटिव रह गये। 11 बच्चे अभी उपचाराधीन हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने बताया एचआईवी पॉजिटिव महिला को गर्भधारण के तीसरे महीने से ही एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल) की दवा देना शुरू कर दिया जाता है। सेफ डिलीवरी किट के माध्यम से संस्थागत प्रसव कराया जाता है। प्रसव के आधा घंटे के भीतर नवजात को चिकित्सक की मौजूदगी में एक दवा दी जाती है। अधिकतम पांच दिन के भीतर यह डोज देनी होती है। इसके ठीक 45 दिन बाद सीपीटी की दवा दी जाती है। फिर बच्चे की एचआईवी जांच करायी जाती है। ऐसे मामलों में 18 महीने तक दवा चलती है। वहीं इन बच्चों के माता-पिता का उम्रभर उपचार चलता है।
 
विभागीय आंकड़ों के अनुसार सात वर्षों में हुई जांच के नतीजे
वर्ष                काउंसलिंग       जांच      एचआईवी पॉजिटिव
2015                     24304              23248              106
2016                     26920              26407              110
2017                     30739             30201               129
2018                     37491             37343               161
2019                     40686             40657               203
2020                     22850             22827               91
2021(अक्टूबर)      20353             20290               88
कुल                     203343          200973              888

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