शरारती बच्ची से जिम्नास्टिक स्टार बनी 6 साल की निर्मित

पिता के कहने पर प्रैक्टिश शुरू की, दो साल में स्टेट चैंपियनशिप में जीता मेडल

 मेरठ ।  बच्चाें को  हुनर बचपन में पता चल जाता है। सिर्फ उसको परखने की जरूरत है। इस पर मेरठ खरी उतरी  है महज 6साल की  निर्मित कौर जिसने स्टेट चैम्पियनशिप में पदक जीत कर मेरठ का नाम ही नहीं गांव का नाम भी रोशन किया है। 

 किला परीक्षितगढ़ कस्बे के पास स्थित एक छोटे से गांव में रहने वाली निर्मित कौर जनवरी 2026 में छह साल की हो जाएंगी। वह बीते लगभग दो वर्षों से जिम्नास्टिक की नियमित प्रैक्टिस कर रही हैं। कम उम्र में ही उन्होंने अपने आयु वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए मेरठ जिले में लगातार टॉप स्थान हासिल किया है।

लगातार तीन बार प्रयास करने के बाद निर्मित कौर ने अब स्टेट चैंपियनशिप में भी पदक जीत लिया है। प्रयागराज में आयोजित इस प्रतियोगिता में उनके अधिकांश प्रतिद्वंदी उनसे उम्र में करीब 5 से 6 साल बड़े थे। इसके बावजूद निर्मित कौर ने उन्हें कड़ी टक्कर दी और बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मेडल अपने नाम किया।कम उम्र में मिली इस बड़ी सफलता ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

खेल में ही बनाऊंगी करियर

निर्मित कौर ने बताया- मेरे पापा ने मुझे इस खेल में मेरा एडमिशन कराया था। इसके बाद मुझे यह अच्छा लगा और उसने इसमें मेडल जीते। अब मैं भविष्य में भी इसी खेल में नेशनल, इंटरनेशनल खेलकर नाम कमाना चाहती हूं। इस खेल का अभ्यास मैं पिछले दो सालों से रोजाना दो घंटे करती हूं।

रेगुलर प्रैक्टिस और लग्न का मिला नतीजा- निर्मला

कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में जिम्नास्टिक कोच निर्मला ने बताया कि अभी तक कोई खिलाड़ी इतनी कम उम्र में न तो इतनी लगन के साथ खेलता है और न ही इतना नियमित रूप से आता है। इसके परिवार से ही अन्य बच्चे भी इस खेल में आते हैं, लेकिन ऐसी लग्न सिर्फ इसी में है।

बचपन में थी शरारती

निर्मित कौर के पिता ने बताया कि जिस उम्र में बच्चे ठीक से चलना भी नहीं सीख पाते, उस समय से ही मेरी बेटी काफी शरारती थी। मैं एक किसान परिवार से हैं और गांव के माहौल में बच्ची की शरारतें अक्सर सबका ध्यान खींच लेती थीं।

उन्होंने बताया कि जब निर्मित कौर करीब चार साल की थी, तब वह नजर बचते ही गन्ने से भरी ट्रॉली पर चढ़ जाती थी और कभी खिड़कियों पर लटकने जैसी हरकतें करने लगती थी। बच्ची की इसी फुर्ती और साहस को देखकर उन्होंने उसकी ऊर्जा को सही दिशा देने का फैसला किया और उसे जिम्नास्टिक खेल से जोड़ दिया।

पिता का कहना है कि इस फैसले का नतीजा यह रहा कि मात्र छह साल की उम्र में निर्मित कौर न केवल जिले की टॉपर बनी, बल्कि स्टेट चैंपियनशिप में भी पदक जीतकर परिवार और गांव का नाम रोशन किया।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts