बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ धू -धू कर दहन हुए रावण , कुंभकरण ,मेघनाथ के पुतले
दिन भर आयोजक बरसात के चलते पुतलों को बचाने में लग रहे
मेरठ । बराई पर अच्छाई की जीत के साथ जिले में विजयदशमी पर रावण, कुभंकरण व मेघनाथ के पुलते बरसात के बाद धू-धू कर जले। रामलीला मंचन में श्रीराम-रावण युद्ध में लंकापति का वध होने के बाद तीनों पुतलों का दहन किया गया। असत्य पर सत्य की जीत को देखकर लोगों ने 'श्रीराम' के जयकारे लगाए।
दोपहर के बाद मौसम में बदलाव शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे अचानक झमाझम बारिश शुरू हो गई। यह बारिश एक घंटे तक चली। बारिश की वजह से शहर में कई जगह जलभराव हुआ ही, साथ ही भैंसाली मैदान, जिमखाना मैदान, दिल्ली रोड के रामलीला ग्राउंड, सूरजकुंड, रजबन, शास्त्रीनगर में रामलीला आयोजन स्थलों पर पानी भर गया। पुतले भीगकर जगह-जगह फट गए मौसम को खराब होता देख आयोजको ने उन्हें पन्नी से ढृककर बचाया। दिल्ली रोड़ रामलीला मैदान के बाद सड़क के किनारे पानी से भरने से लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । शास्त्री नगर के ब्लॉक स्थित रावण के पुलते को लगाया गया। उसे बरसात से बचाने के लिए त्रिपाल से ढ़का गया। यहां पर मुख्य अतिथि डा. लक्ष्मी कांत वाजपेयी ने राणव के पुतले को आग लगायी। इससे पूर्व राम-रावण का वध हुआ। जिसे देखने के दर्शकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सूरज कुंड पर तीनो पुललों का दहन किया गया। इस दौरान सूरजकुंड पार्क दर्शकों से भर गया।

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