सुभारती विवि में ज्ञान और आस्था का संगम: खाद्य संरक्षण पर जागरूकता के साथ मनाया गया नवरात्रि का उत्सव
सुभारती विश्वविद्यालय में ज्ञान, जागरूकता और आस्था का अनूठा संगम
खाद्य हानि और अपव्यय पर जागरूकता अभियान
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में ज्ञान और आस्था का संगम देखने को मिला, जहाँ एक ओर खाद्य संरक्षण जैसे वैश्विक मुद्दे पर जागरूकता फैलाई गई, तो वहीं दूसरी ओर नवरात्रि का पर्व पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इन आयोजनों ने विश्वविद्यालय के अकादमिक और सांस्कृतिक लोकाचार को एक साथ प्रदर्शित किया।
पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग ने ‘‘अंतरराष्ट्रीय खाद्य हानि और अपव्यय जागरूकता दिवस’’ के अवसर पर एक ज्ञानवर्धक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसका उद्देश्य केवल एक प्रतियोगिता कराना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को भोजन की बर्बादी से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बनाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ कला एवं सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष, डॉ. सुधीर त्यागी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में खाद्य हानि के गहरे सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भोजन का हर एक दाना कीमती है और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखने को मिला। उनसे वैश्विक रिपोर्ट, सतत विकास लक्ष्यों और भारत में चल रही खाद्य संरक्षण पहलों से जुड़े प्रश्न पूछे गए। आयोजन का केंद्रीय संदेश ‘‘भोजन बचाओ, जीवन बचाओ, पर्यावरण बचाओ’’ सभी के दिलों में उतर गया। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने न केवल ज्ञान अर्जित किया, बल्कि भविष्य में भोजन की बर्बादी को रोकने और इस दिशा में जागरूकता फैलाने का संकल्प भी लिया। इस मौके पर डॉ. जावेद खान, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. अल्पना और भावना जोशी सहित विभाग के सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे।
नवरात्रि का भक्तिमय आयोजन
वहीं दूसरी ओर फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा नवरात्रि पूजन का भव्य आयोजन किया गया, जिससे पूरा परिसर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ दुर्गा की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की सीईओ डॉ. शाल्या राज ने छात्रों को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने और परिश्रम के साथ जीवन में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया।
इंजीनियरिंग संकाय के डीन, डॉ. मनोज कपिल ने कहा कि नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि शक्ति, साहस और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में सांस्कृतिक मूल्यों के साथ-साथ सामाजिक जुड़ाव की भावना को भी मजबूत करते हैं। पूजन के बाद एक भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। यह दृश्य अपनेपन और सामूहिकता की भावना को दर्शाता है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक आरती के साथ हुआ, जिसने वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना दिया।
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