सीएम योगी ने किया ऐलान, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का मानदेय बढ़ा, मिलेगा स्मार्टफोन

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र से ‘मिशन शक्ति’ अभियान के पांचवें चरण की शुरुआत का ऐलान किया है। यह चरण 22 सितंबर से 30 दिनों तक चलेगा। इस मौके पर सीएम ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले किए।

मुख्यमंत्री ने क़रीब 2 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को खुशखबरी देते हुए मानदेय बढ़ाने और स्मार्टफोन देने की घोषणा की। साथ ही उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिलाने की बात कही, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

सीएम योगी ने लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर से 75 जिलों में 20,324 स्वास्थ्य शिविरों की शुरुआत की। उन्होंने कहा– “जब नीयत साफ हो और नीति स्पष्ट हो, तो परिणाम आने में देर नहीं लगती।”

बच्चों और महिलाओं के बीच पहुंचे सीएम

कार्यक्रम में सीएम योगी ने बच्चों को तिलक लगाकर अन्नप्राशन कराया, उन्हें गोद में लेकर दुलारा और खिलौने गिफ्ट किए। गर्भवती महिलाओं की गोदभराई करवाई और पोषाहार वितरित किया।

महिला सुरक्षा पर सख्त निर्देश

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि—

पुलिस की फुट पेट्रोलिंग को और प्रभावी बनाया जाए।

पीआरवी-112 की गाड़ियां लगातार सड़कों पर सक्रिय रहें।

वरिष्ठ अधिकारी (एडीजी, आईजी, डीआईजी) फील्ड में उतरकर जनता से संवाद करें और गश्त करें।

57 हजार ग्राम पंचायतों और 14 हजार वार्डों में महिला बीट पुलिस अधिकारियों को भेजा जाए।

एंटी रोमियो स्क्वॉड को और सक्रिय कर शोहदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

नवरात्र और त्योहारों पर मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर महिला पुलिस की विशेष तैनाती हो।

सीएम ने कहा कि महिला अपराधियों पर भी कानून समान रूप से लागू होना चाहिए और जनता को यह भरोसा होना चाहिए कि सरकार 24×7 सुरक्षा के लिए तत्पर है।

24×7 ‘पिंक बूथ’ और मिशन शक्ति केंद्र

सीएम ने निर्देश दिया कि—

पिंक बूथ सभी नगर निगमों में स्थापित हों।

मिशन शक्ति केंद्रों को 360 डिग्री मॉडल पर विकसित किया जाए, जहाँ शिकायत, काउंसलिंग, लीगल एड, फीडबैक और फॉलो-अप की सुविधा मिले।

केंद्रों पर कार्यरत पुलिसकर्मियों को जेंडर सेंसिटाइजेशन, डिजिटल एविडेंस कलेक्शन और केस मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाए।

पिछले चरण की उपलब्धियाँ

मिशन शक्ति के तहत 3.44 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित हुए।

2.03 करोड़ महिलाओं और बालिकाओं ने भागीदारी की।

9172 महिला बीट्स और 18,344 महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई।

ऑपरेशन गरुड़, बचपन, मजनू, नशा मुक्ति, रक्षा और ईगल जैसे अभियानों से बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई।

98.80% निस्तारण दर के साथ यूपी देश में पहले स्थान पर रहा।

सीएम ने स्पष्ट कहा कि “मिशन शक्ति केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने का व्यापक सामाजिक अभियान है। इसे मिशन मोड में सफल बनाया जाए और हर बेटी को सुरक्षा व सम्मान का भरोसा दिलाया जाए।”

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