मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के नाम पर मरीजो की बढ़ी परेशानी
इलाज से पहले 2 लंबी लाइनों में लगकर दिक्कतें झेल रहे मरीज
पर्चे बनवाने के लिए टोकन सिस्टम लागू
मेरठ।मेडिकल अस्पताल में सुरक्षा के नाम पर मरीजों की दिक्कत बढ़ा दी है। अस्पताल प्रबंधन ने पर्ची काउंटर पर नई व्यवस्था लागू की है। टोकन सिस्टम की यह नई व्यवस्था मरीजों के लिए आफत बन गई है। अब मरीजों को ओपीडी की पर्ची बनवाने से पहले काउंटर से टोकन लेना पड़ता है।
यानि इलाज कराने आए मरीज, उनके तीमारदारों का आधा समय केवल डॉक्टर के पास पहुंचने में जाया हो रहा है। इससे बीमार मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। मरीजों को 3 घंटे का वक्त केवल पर्चा काउंटर पर जा रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसे सुरक्षा का नाम दे रहा है।
मेडिकल में हर रोज लगभग 4 हजार के आसपास मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा नियमों में बदलाव किए जाने से अब यह मरीज घंटों लाइनों में लगे दिखाई दे रहे हैं। मरीजाें का कहना है कि पहले सिर्फ डाक्टरों का इंतजार ही करना पड़ता था अब जगह जगह लाईनों में लगकर परेशान भी हो रहे हैं।
पहले सीधे बनता था पर्चा, अब नया सिस्टम लागू
पहले मरीज अपना पर्चा बनवाकर जिस डाॅक्टर को दिखाना हो उसकी लाइन में लग जाते थे। अब कुछ दिन पहले से अस्पताल में टोकन बनने शुरू हो गए हैं। पर्चा बनवाने से पहले अब मरीजों को आधार से वैरिफिकेशन कराने के बाद टोकन बनवाना पड़ रहा हैं। अगर किसी के पास आधार नहीं है तो मोबाइल पर ओटीपी के जरिए वैरिफिकेशन के बाद ही उसको इलाज मिल रहा हैं।
इलाज में बढ़ी परेशानी
मरीजों ने बताया कि पहले के मुकाबले अब और भी समय लग रहा हैं। अगर आधार कार्ड या फोन नहीं हैं तो वापस घर जाना पड़ रहा हैं। ऐसे में किराए में पैसे और समय दोनो ही बर्बाद होने से इलाज समय पर नहीं मिल पा रहा हैं।
सुरक्षा और आधुनिकता के लिए लिया गया फैसला
मेडिकल के प्रबंधक डाॅ धीरज राज बालियान ने बताया कि टोकन की सुविधा को इसलिए शुरूकिया गया है जिससे मरीज को यह पता रहे उसका इलाज किस समय होगा और व्यवस्थित तरीके से अपने समय की बचत करते हुए वह अपना इलाज करा सकें। सुरक्षा के आधार पर कई बार लोग किसी अपराध में लिप्त पाए जाते हैं तो इलाज का बहाना बना देते हैं इस आधुनिक सुविधा से इस पर भी रोक लगेगी।
अस्पताल में दो तीमारदारों से हुआ रेप
मेडिकल अस्पताल में मरीजों, तीमारदारों की सुरक्षा पर पिछले दिनों बड़े सवाल खड़े हुए। अस्पताल में भर्ती 2 मरीजों की तीमारदारों के साथ अस्पताल कैंपस में ही रेप हो गया। इससे एलएलआरएम की सुरक्षा खतरे में आ गई। इस सुरक्षा को मेंटेन करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने यह टोकन सिस्टम लागू किया है।
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