गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर जैन समाज का विरोध

पूजा के अधिकार से वंचित करने का आरोप, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन

मेरठ। जूनागढ़ स्थित गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर जैन समाज को पूजा करने से रोके जाने का मामला सामने आया है। भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया।

जैन समाज का कहना है कि 2 जुलाई को देशभर से आए हजारों श्रद्धालुओं को पूजा करने से रोका गया। श्रद्धालुओं को जयकारे लगाने और प्रसाद चढ़ाने की भी अनुमति नहीं दी गई।पुलिस ने 10 से अधिक स्थानों पर चेकिंग की। श्रद्धालुओं से पूजा सामग्री छीन ली गई और महिला श्रद्धालुओं के साथ अभद्र व्यवहार किया गया।गिरनार पर्वत जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ ने तपस्या की और मोक्ष प्राप्त किया। भारत सरकार के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और गुजरात राज्य गजेटियर ने प्रमाणित किया है कि गिरनार की पांचवीं टोंक मूलतः जैन तीर्थ है।

जैन समाज ने इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के 2005 के आदेश का भी हवाला दिया। न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि पंचम टोंक पर कोई नया निर्माण नहीं किया जाएगा। विवाद का कारण कुछ अन्य समुदायों द्वारा इस स्थान पर पूजा का दावा करना है।जैन समाज ने मांग की है कि उन्हें अपनी परंपरा के अनुसार पूजा करने का अधिकार दिया जाए और गिरनार पर्वत पर जैन धर्म के महत्व को मान्यता दी जाए।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts