फर्जी कागजों पर कैब दौड़ाने वाले गिरफ्तार
एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा ने कराई थी गोपनीय जांच, नेटवर्क खंगाल रही पुलिस
मेरठ। पुलिस ने फर्जी कागजातों पर ओला कैब दौड़ने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। लगभग डेढ़ महीने पहले इस मामले में एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा से शिकायत की गई थी, जिन्होंने गुपचुप जांच शुरू करा दी। आरोप सही पाए जाने के बाद 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ, जिनमे से मास्टरमाइंड सहित 2 आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने धर दबोचा।
जागृति विहार निवासी किशोर शर्मा ने एसबीआई जोनल ऑफिस के अंतर्गत अपनी गाड़ी लगा रखी थी। उनके कुछ दोस्त राहुल, मनोज, विकास ने भी इसी तरह ऑफिस में गाड़ी लगाई हुई थी। सभी ने 23 मई को अपनी गाड़ियों को ओला कैब में रजिस्टर्ड कराने की प्रक्रिया शुरू की तो हैरान रह गए।
उन चारों की गाड़ियां पहले से ओला कैब में रजिस्टर्ड थीं। उन्होंने छानबीन की तो पता चला की मेरठ के रहने वाले ही कुछ युवकों ने उनकी गाड़ियों के नंबर पर ओला कैब कंपनी में अपनी गाड़ी रजिस्टर्ड करा रखी हैं।चारों दोस्तों ने एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा से मिलकर शिकायत की। सोमवार को पुलिस ने मास्टरमाइंड हापुड़ के थाना बाबूगढ़ स्थित ग्राम भिमयारी निवासी नरेंद्र उर्फ नमन व उसके सहयोगी फैसल निवासी सिंभावली को गिरफ्तार कर पूरे मामले से पर्दा उठा दिया।
फर्जी कागज बनाकर लगाते हैं गाड़ी
मास्टरमाइंड नरेंद्र ने बताया कि वह अक्सर एसबीआई जोनल ऑफिस के पास चाय की दुकान पर दोस्तों से मिलता था। वहां उसने बैंक में चल रही कुछ गाड़ियों के नंबर नोट किया और परिवहन ऐप की मदद से उनका डाटा जुटा लिया। गाड़ियों के नकली कागजात तैयार किये और उन्हें ओला कैब में लगा दिया। एसएचओ मेडिकल शीलेश यादव ने बताया कि कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है।
आपराधिक इतिहास खंगाल रही पुलिस
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि वारदात अपने आप में बेहद गंभीर है। ऐसी गाड़ियों से अगर वारदात हो जाए तो उनको पकड़ना मुश्किल होगा। क्योंकि वह फर्जी कागजातों पर चल रही हैं। फिलहाल पुलिस आरोपियों का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। फरार आरोपियों की तलाश में टीम को लगाया गया है।
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