फतेहपुर मस्जिद गिराने के आदेश पर रोक

 कोर्ट ने  यूपी सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा, तालाब भूमि पर अतिक्रमण कर बनी थी

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फतेहपुर मस्जिद के ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही यूपी सरकार से याचिका पर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।

याचिका की अगली सुनवाई 23 मई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की एकलपीठ ने वक्फ सुन्नी मदीना मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष हैदर अली की याचिका पर दिया।याचिका पर वकील का कहना है कि धारा-67 के तहत केस की कार्रवाई 26 दिन में पूरी कर ली गई। याची को साक्ष्य पेश करने व सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।याची की आपत्ति पर विचार नहीं किया गया। ऋषिपाल केस के फैसले के विपरीत 22 अगस्त 24 को ध्वस्तीकरण का मनमाना आदेश दिया गया है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना।याचिका पर वकील का कहना है कि 1976 में ग्राम सभा मलवा ने तीन बिस्वा जमीन दी थी। जिस पर मस्जिद बनी हुई है। जिसे अब तालाब की भूमि बताया जा रहा है।इसी जमीन के एक हिस्से में 6-7 अन्य लोग काबिज हैं, जिन्हें 2021 में हटाने का आदेश हुआ है। लेकिन अब तक उस आदेश पर कोई अमल नहीं हुआ है। जबकि जिस जमीन पर मस्जिद बनी हुई है 26 दिन में सभी कार्यवाही पूरी कर ली गई।तहसीलदार ने तालाब की जमीन बताते हुए नोटिस जारी किया था। आदेश पारित किया। इसके खिलाफ डीएम फतेहपुर के समक्ष मस्जिद कमेटी ने अपील दाखिल की।डीएम ने ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी। डीएम के ध्वस्तीकरण आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts