विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम गन्ना किसानों के प्रति समर्पण और उनकी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है-बृजेश पटेल
कृषि विज्ञान केन्द्र, हस्तिनापुर में संपन्न हुआ गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का द्वितीय सत्र
मेरठ। गुरूवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, हस्तिनापुर में गन्ना विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का द्वितीय सत्र सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह कार्यक्रम, मेरठ जनपद के छह महत्वपूर्ण गन्ना विकास परिषदों के 60 प्रतिबद्ध मास्टर ट्रेनरों की सक्रिय भागीदारी का साक्षी बना, क्षेत्र के गन्ना किसानों के सशक्तिकरण और गन्ना उत्पादन की क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गहन तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम महज सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं था, बल्कि यह ज्ञान, कौशल और नवीन तकनीकों के हस्तांतरण का एक जीवंत मंच था। इसका प्राथमिक उद्देश्य मास्टर ट्रेनरों को नवीनतम वैज्ञानिक अनुसंधानों और कृषि पद्धतियों से लैस करना था, ताकि वे जमीनी स्तर पर किसानों को प्रभावी ढंग से मार्गदर्शन कर सकें और गन्ने की खेती को अधिक लाभकारी उद्यम में बदल सकें।
प्रशिक्षण सत्र की विषय-वस्तु अत्यंत व्यापक और वर्तमान कृषि परिदृश्य की आवश्यकताओं के अनुरूप थी। डा. शुभम आर्य द्वारा गन्ने के साथ सहफसली खेती की अवधारणा को प्रस्तुत किया गया जो किसानों के लिए आय के अतिरिक्त स्रोत उत्पन्न करने और भूमि के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी दृष्टिकोण है। इसी प्रकार, इन्द्रजीत यादव द्वारा पादप सुरक्षा और रोग कीट नियंत्रण पर दिया गया प्रशिक्षण, फसल की बर्बादी को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करता है। आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में गन्ना समितियों में उपलब्ध फार्म मशीनरी के कुशल उपयोग पर श्री प्रदीप यादव ने मार्गदर्शन देते हुए कहा कि किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों तक पहुंच प्राप्त करने और श्रम लागत को कम करने में फार्म मशीनरी बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वहीं, श्री सोमवीर सिंह द्वारा पेड़ी प्रबंधन की उन्नत तकनीकों पर जोर दिया गया, उन्होने किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
चीनी मिल मवाना के डी.जी.एम. हरिओम शर्मा द्वारा टीशू कल्चर तकनीक का परिचय देते हुए बताया गया कि यह गन्ने के बीज उत्पादन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह तकनीक न केवल कम समय में उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि रोगमुक्त और अधिक उपज देने वाली किस्मों के विकास में भी सहायक होगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की महत्ता इस तथ्य से और बढ़ जाती है कि इसमें जिला गन्ना अधिकारी श्री ब्रजेश पटेल और कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डा. राकेश तिवारी जैसे उच्च अधिकारियों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने अनुभवों तथा विचारों को मास्टर ट्रेनरों के साथ साझा किया। उनकी उपस्थिति और प्रेरणादायक शब्दों ने मास्टर ट्रेनरों के मनोबल को बढ़ाया और उन्हें अपने दायित्वों को और अधिक प्रभावी ढंग से निभाने के लिए प्रेरित किया।
जिला गन्ना अधिकारी श्री बृजेश पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूरगामी प्रभाव होगा। प्रशिक्षित 60 मास्टर ट्रेनर अब अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों के लिए कार्य करेंगे। वे न्याय पंचायत और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को गन्ने की उन्नत खेती तकनीकों, नवीनतम सरकारी योजनाओं से अवगत कराएंगे। इससे प्रशिक्षण से न केवल गन्ने की उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार आएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री गन्ना कृषक विशेष प्रशिक्षण योजना के तहत गन्ना विभाग के किसानों के प्रति समर्पण और उनकी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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