बिजली कर्मचारियों काें आंदोलन जारी
बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया
मेरठ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर विद्युत जानपद मण्डल प्रांगण ऊर्जा भवन कार्यालय परिसर में कार्यालय समय उपरांत बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध सभा की। बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों में सीपी सिंह, कृष्ण कुमार सारस्वत, निशान्त त्यागी, प्रगति राजपूत,, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दिलमणि थपलियाल, मांगेराम, दीपक कश्यप, प्रदीप दरोगा, भूपेंद्र, कासिफ रहे। वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में पॉवर कारपोरेशन के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023-24 में एटी एंड सी हानियां 25.26 प्रतिशत हैं, जबकि पता चला है कि आरएफपी डॉक्यूमेंट में 49.32 प्रतिशत हानियों बताई गई है। इसी प्रकार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में वर्ष 2023-24 में एटी एंड सी हानियां 22.75 प्रतिशत हैं, जबकि आरएफपी डॉक्यूमेंट में यह हानियां 34.33 प्रतिशत बताई गई हैं। वर्ष 2010 में जब आगरा शहर टोरेंट पावर कंपनी को दिया गया था, तब भी आगरा में 54 प्रतिशत हानियां बताई गई थी और इस कारण हुए करार का दुष्परिणाम आज भी पावर कारपोरेशन भुगत रहा है।
संघर्ष समिति ने चेताया कि अब पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण में इससे भी बड़ा घोटाला करने की तैयारी है जिसका दुष्परिणाम आम उपभोक्ताओं को बिजली की बेतहाशा बढ़ी दरों से चुकाना पड़ेगा। संघर्ष समिति निजीकरण के पीछे होने वाले मेगा घोटाले को भी आम उपभोक्ताओं के सामने रखने की योजना बना रही है। इस हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा।


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