फर्जी बैंक एकाउंट से करते साईबर ठगी, पुलिस ने तीन आरोपी धरे गये 

-मजदूर थे गैंग में शामिल, गरीबों को एक हजार का लालच देकर लगवाते थे कागजात

मेरठ। फर्जी बैंक एकाउंट खोलकर साईबर ठगी करने वाले अंतराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त तीन मोबाईल फोन, तीन बैंक किट व पंद्रह हजार रुपये बरामद किए गये है। आरोपी गरीबों के कागजात लगवाकर बैंक एकाउंट खुलवाते थे। पुलिस इस गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में कर रही है। 

 लालकुर्ती पुलिस और साइबर थाने ने फर्जी बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जो पिछले काफी समय से साइबर ठगी को अंजाम देते आ रहे थे। इस गिरोह का काम गरीबों के कागजात से खाते खुलवाना और फिर उन्हें साइबर अपराधियों को बेच देना है। अगर देखा जाये तो इस गिरोह का मुख्य आरोपी जन सुविधा केंद्र चलाता है जबकि अन्य दोनों आरोपी मजदूरी करते हैं। 

एसपी क्राईम अवनीश कुमार ने पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता करते हुए बताया पीएल शर्मा रोड़ निवासी सुधांशु भट्ट के पास 5 सितंबर को एक अंजान नंबर से उनके फोन पर एक कॉल आई। उसने कहा कि आप खाते में 20 हजार रुपये डालने थे लेकिन गलती से 40 हजार रुपये चले गए। उन्होंने अपना टेक्स्ट मैसेज देखा तो उसमें चालीस हजार रुपये आए हुए थे। बिना देरी किए उन्होंने अपने बैंक खाते से बीस हजार रुपये कॉलर को वापस कर दिए। उन्हें इस बात का शक हुआ और उन्होंने बैंक में जाकर जानकारी की तो उनके खाते में कोई पैसे नहीं आए थे। जिसकी शिकायत उन्होंने ऑन लाईन साईबर सेल्फ में दर्ज कराई। इसी बीच उनके पास एक दोबारा 13 दिसंबर को आई जिससे वह पहले ही समझ गए कि उनके साथ ठगी हो चुकी है। जिसकी सूचना उन्होंने थाना पुलिस को देते हुए आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी। पुलिस ने जांच में पाया कि जिस मोबाइल नंबर का जिक्र पीड़ित ने किया था। उसके खिलाफ कई शिकायत पहले भी दर्ज थी। 

लालकुर्ती एसओ हरेन्द्र कुमार ने साइबर थाने से संपर्क किया और मोबाइल नंबर की पूरी जानकारी निकाली। जिसमें पता चला कि आरोपी इस नंबर को कई फर्जी बैंक खातों से जोड़ रखा है और इसी नंबर से फर्जी कॉल किया करते थे। यह नंबर गौतमबुद्ध नगर के हल्द्वानी कुलेसरा निवासी एक जन सुविधा केंद्र का है जिसको अजय कुमार चला रहा है। पुलिस ने आरोपी का हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो उसके दो साथियों कुलदीप निवासी जट्टारी थाना टप्पल अलीगढ़ और दिनेश निवासी ग्राम गोंडा थाना गोंडा अलीगढ़ के नाम का खुलासा कर दिया। यह तीनों लोग मजदूरों को फंसाते थे और उनका बैंक में खाता खुलवाते थे। जिसके बाद यह मजदूरों को एक हजार रुपये का लालच देकर उसे खरीद लिया करते थे। यह लोगों को कॉल कर उन्हें अपने फेक बैंक एसएमएस के जाल में फंसा कर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। खाता किसी और का होता था, इसलिए फ्रॉड करने वाले को खुद के पकड़े जाने का डर नहीं होता था। अभी तक इनके द्वारा लगभग चार लाख रुपए की फ्रॉड की जा चुकी है। 

 साइबर थाना प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि जिन खाते में रकम पहुंची थी, वह शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक का खाता था। इस बैंक में 29 संदिग्ध खाते खुलवाए गए थे, जिनमें से 25 खातों के विरुद्ध एनसीआरपी पोर्टल पर 52 शिकायत दर्ज थी। इन 52 शिकायतों में से 39 शिकायतें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों की थी। इन 39 शिकायत में से तीन शिकायत जनपद मेरठ के भावनपुर, रेलवे रोड और लालकुर्ती थाने में दर्ज हुई।

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