सुभारती विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी:चिति संवाद और साहित्य पर दो दिवसीय कार्यक्रम

 IGNCA के सदस्य सचिव समेत कई विद्वान हुए शामिल

मेरठ।  स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में चिति संवाद, साहित्य और कलाओं में चिति विमर्श विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राहुल सांकृत्यायन सुभारती स्कूल ऑफ लिंग्विस्टिक्स एंड फॉरेन लैंग्वेजिज, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय और अखिल भारतीय राष्ट्रवादी लेखक संघ, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी मौजूद रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सतत विकास के साथ चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ को चिति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बताया और एआई तकनीक से रचनात्मक क्षमताओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री और इतिहासकार प्रो. निर्मल सिंह ने की। उन्होंने भारतीय गुरुकुल परंपरा से प्रेरणा लेकर ज्ञान वर्धन पर जोर दिया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. कुमुद शर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह और अखिल भारतीय राष्ट्रवादी लेखक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सोमदत्त शर्मा उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. शल्या राज ने इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम का संयोजन भाषा विभाग की अध्यक्ष डॉ. सीमा शर्मा ने किया।


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