बसंतकालीन गन्ना बुवाई 2025 हेतु लिया गया प्रजातीय बदलाव का संकल्प
नंगलामल चीनी मिल द्वारा मिल परिसर में कराया गया किसान गोष्ठी का आयोजन
मेरठ। मंगलवार को नंगलामल चीनी मिल द्वारा मिल परिसर के प्रांगण में एक भव्य किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ब्रजेश कुमार पटेल (जिला गन्ना अधिकारी, मेरठ) एवं गौरव कुमार (संभागीय विख्यापन अधिकारी. के साथ डा. मैनेजर सिंह (भूतपूर्व कीट वैज्ञानिक, उ.प्र. गन्ना शोध परिषद) व डा. विकास मलिक (वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, बागपत) के,द्वारा किसान गोष्ठी का उद्धाटन मां सरस्वती की पूजा के साथ दीप प्रज्वतिल कर किया गया।
गोष्ठी में आए डा. विकास मलिक, (वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, बागपत) द्वारा कृषक हित में नंगलामल चीनी मिल द्वारा आयोजित गोष्ठी की सराहना करते हए कहा कि यह समय गन्ना बुबाई के लिये समयानुकूल है। गन्ना प्रजातीय बदलाव के अतंर्गत उन्होने बताया गन्ना प्रजाति को. 0238 रोग गस्त हो चुकी है जिसको अन्य नई स्वीकृत गन्ना प्रजातियों जैसे को. 0118 एवं को0 15023 से विस्थापित कर कृषक भाई अधिक उत्पादन व लाभ कमा सकते है। गन्ना बुवाई की तकनीक के अर्तगत गन्ना बुवाई के पूर्व भूमि की तैयारी के बारे में कृषकों को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई ।उन्होंने गन्ना बवुाई हेतु चिजलर/एम.बी प्लाव द्वारा खेत की जुताई पर विशेष बल दिया ताकि भूमि की निचली कठोर परत को तोड़ा जा सके और गन्ने की जड़े आसानी से भूमि में नीचे तक जा सके जिससे गन्ना फसल के गिरने की संभावना को काफी हद तक दूर किया जा सकता है साथ ही कृषक भाईयों से गन्ना बुवाई हेतु दो आंख के टुकड़ों का ही उपयोग करने की अपील करते हुए विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई।
इस अवसर पर उपस्थित मवाना शुगर्स लि. के वैज्ञानिक सलाहकार, उ.प्र. गन्ना शोध परिषद के भूतपूर्व कीट वैज्ञानिक, डा. मैनेजर सिंह ने फसल सुरक्षा के अंर्तगत विशेषकर चोटी बेधक कीट की पहचान एवं इसके समेकित नियंत्रण जिसमें यांत्रिक, जैविक एवं रासायनिक विधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में इस कीट की प्रथम पीढ़ी का अपतन प्रारम्भ होता है। जिसमें हस कीट की मादा तितली शरदकालीन पौधा गन्ना अथवा अभी जमकर आयी पेड़ी फसल की पत्तियों की निचली सतह पर समूह में अण्डे देती है जो भूरे रंग के बालनुमा आवरण से ढके हुए होते है। एक अण्ड समूह में 50 से 250 अण्डे तक होते है जिनसे इस कीट का लारवा निकलकर आस पास के पौधों पर चले जाते है। और गन्ने की पत्तियों की मिडरिब से छेद करके उसके बढ़वार बिंदु की तरफ पहुँचकर उसे खाकर नष्ट कर देते है। जिससे डैड हर्ट (मृतसार) बन जाता है और गन्ना पौधा नष्ट हो जाता है। इस कीट के समेकित नियंत्रण के लिये सर्वप्रथम पौधा गन्ना कटाई के समय पोगले न छोड़े एवं इस कीट की तितली को नष्ट करने के लिये फेरोमोन ट्रैप व लाईट ट्रैप को लगाना अत्यंत आवश्यक है। फैरोमोन ट्रैप में एक विशेष प्रकार का कैमिकल युक्त कैप्सूल लगाया जाता है। जिसमे मादा तितली जैसी गन्ध स्रावित होती है और नर तितली वहां पहुँचकर फैरोमोन ट्रैप में फंस कर मर जाती है। नंगलामल चीनी मिल फैरोमोंन ट्रैपर सीमित मात्रा में निःषुल्क उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा लाईट ट्रैप पर चीनी मल द्वारा 20 प्रतिषत का अनुदान देने की योजना है। इसके अतिरिक्त यांतिक नियंत्रण के लिये इस कीट के अण्डसमूह युक्त पत्तियों के एकत्र कर बाहर निकालना एवं चोटी बेधक से ग्रसित पौधें को जमीन की सतह से लिाकर कटाई करना तथा रासायनिक नियंत्रण हेतु कोराजन का प्रयोग भी आवष्यक है। जिस पर चीनी मिल द्वारा 20 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्य अतिथि के रूप में आये ब्रजेश कुमार पटेल, जिला गन्ना अधिकारी ने कृषकों को सम्बोधित करते हेतु कहा कि यह समय गन्ना बुवाई के लिये अतिउत्तम है साथ ही गन्ना प्रजाती बदलाव पर जोर देते हुए कहा कि ट्रेंच विधी से गन्ना बुवाई करें जिससे गन्ना फसल के गिरने की संभावना कम हो जाती है। व उपज में बढोतरी हो जाती है। साथ ही केवल नवीनतम गन्ना प्रजातियाें की बुवाई करने के लिये किसानों से अपील की।
इस अवगर पर नंगलामल चीनी मिल से श्री वाई. डी. शर्मा (यूनिट हैड) ने गन्ना किसान के समक्ष चुनौतियों एवं चीनी उद्योग के वर्तमान परिदृष्य की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि गन्ना किसान व चीनी मिल दोनो के दूसरे के पूरक है। किसी एक के बगैर दूसरे का के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है। चीनी मिल द्वारा गन्ना विकास कार्यक्रम 2025 हेतु तैयारी कर ली गई गई है। जिसमें उत्तम गन्ना खेती के चार मुख्य आधार जिनमें प्रजातीय बदलाव, फसल सुरक्षा, बीज उपचार एवं भूमि उपचार पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। कृषक गोष्टी, ग्राम बैठक, प्रचार वाहन, नुक्कड़ नाटकों का मंचन, रैली, वॉल पेंटिग, पैमफ्लैट, फोन मैसेज एवं अन्य प्रचार प्रसार माध्यमों द्वारा कृषको को जागरूक किये जाने का लक्ष्य है।
कृषि गोष्ठी का संचालन नंगलामल चीनी मिल के सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) रूपलाल रेगर द्वारा किया गया। मंच की अध्यक्षा ओमपाल सिंह, पूर्व ग्राम प्रधान, नंगलामल के द्वारा की गई। इस अवसर पर जगदीप गुप्ता (ज्ये. गन्ना विकास निरीक्षक, मोहिउद्दीनपुर), गौरव कुमार (आर.पी.ओ., मेरठ) एल.डी. शर्मा (वरि. महाप्रबन्धक, गन्ना एवं प्रषासन), विवेक कुमार (उप महाप्रबधक, गन्ना), प्रभात सिंह (सहायक महाप्रबन्धक, गन्ना ) चीनी मिल के अन्य अधिकारीगण व गन्ना सहायक सहित लगभग 200 प्रगतशील कृषकों ने प्रतिभाग किया।
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