गलत रिपोर्ट देने पर मेरठ के पशु चिकित्साधिकारी निलंबित
गोवंश के बजाय भैंस की मीट रिपोर्ट दी थी ,लैब में हुआ खुलासा
आरोपी डॉक्टर को बचाने पर अपर निदेशक पशुपालन विभाग से मांगा स्पष्टीकरण
मेरठ। गोवंश के मांस को भैंस का मीट बताने वाले पशू चिकित्साधिकारी डॉ. अनुज खरे को शासन ने सस्पेंड कर दिया है। डॉक्टर ने लोहियानगर में पशु कटान के दौरान मीट को भैंस का बताकर रिपोर्ट दी थी।
लोहियानगर थाना क्षेत्र के गांव पीपलीखेड़ा में इस साल 17 जून को सड़क पर पशु कटान की सूचना पर पुलिस ने - दबिश दी थी। पुलिस ने छह लोगों को मौके पर पकड़ा और मीट बरामद किया था। अंडर ट्रेनी दरोगा सक्षम गोस्वामी ने पशु चिकित्साधिकारी फफूंडा डॉ. अनुज खरे को जांच के लिए बुलाया था। डॉ. अनुज खरे ने मीट को भैंस प्रजाति का बताया था और सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया था। डॉ. अनुज खरे की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को जमानती अपराध होने के कारण थाने से ही निजी मुचलकों पर जमानत दे दी थी, बाद में 30 अक्टूबर को लैब रिपोर्ट में मीट के गोवंश के होने की पुष्टि की गई। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर धाराएं बढ़ाई। कोर्ट से सभी को जेल भेजा गया। प्रकरण में प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक के आदेश पर डॉ. अनुज खरे को सस्पेंड कर दिया गया है। पशुपालन विभाग के प्रभारी अपर निदेशक डॉ. एसपी पांडेय से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। दरअसल, मामले में शासन की ओर से अपर निदेशक डा. एसपी पांडेय से आख्या मांगी गई थी। डॉ. पांडेय ने उल्लेख किया कि डॉ. खरे ने रिपोर्ट में भैंस का मांस होने के रूप में पुष्टि नहीं की थी।
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