भारतीय संविधान की आत्मा को कायम रखना विषय पर सेमिनार का आयोजन

मेरठ। स्वामी  विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलेज द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से भारतीय संविधान की आत्मा को कायम रखना के विषय पर संविधान दिवस के उपलक्ष्य में सेमिनार का आयोजन किया गया।सेमिनार का आयोजन संकाय अध्यक्ष प्रो.डॉ. वैभव गोयल भारतीय के दिशा निर्देशन में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति  मेजर जनरल डॉ. जी.के. थपलियाल,  उदयवीर सिंह, एडिशनल जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ, कशिश अग्रवाल एवं प्रवीन सिंह दोनों अतिरिक्त सिविल जज (जू.डि.), प्रो. डॉ. ए.पी. गर्ग, प्रो. डॉ. आर.के.घई, प्रो. डॉ. रेणु मावी तथा प्रो.डॉ. वैभव गोयल भारतीय द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

बी.ए.एलएल.बी. द्वितीय वर्ष की अंकिता रोहियाल तथा कसक सिरोही द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना को हिन्दी व अंग्रेजी में व उच्चारित किया गया।प्रो.डॉ. रीना बिश्नोई ने ‘‘दायित्व सर्वप्रथम, अधिकार तत्पश्चात’’ को भारतीय संविधान के भाग IV-A   तथा भाग  III    को से जोड़कर बताया कि जहाँ एक ओर संविधान का भाग III  नागरिकों को मौलिक अधिकार देता हैं वहीं दूसरी ओर भाग IV-A  नागरिकों पर मौलिक कर्तव्य अधिरोपित करता है, अर्थात् एक का अधिकार दूसरे का कर्तव्य है।

 कशिश अग्रवाल अतिरिक्त सिविल जज (जू.डि.) ने अपने सम्बोधन में बताया कि भारतीय संविधान महज एक विधिक दस्तावेज नहीं है बल्कि यह एक जीवित दस्तावेज है अर्थात् आवश्यकता पड़ने पर अनुच्छेद 368 का प्रयोग कर संविधान में संशोधन किया जा सकता हैं।

प्रवीन सिंह अतिरिक्त सिविल जज (जू.डि.) ने अपने उद्धबोधन में भारतीय संविधान को समाज के वंचित वर्ग के लिए उम्मीद की मशाल/किरन बताते हुए कहा कि यह संविधान निर्माताओं के सपनों तथा जुनून प्रतिबिम्ब हैं।

उदयवीर सिंह, एडिशनल जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ में अपने उद्धबोधन में कहा कि भारतीय संविधान का उद्देश्य पीड़ित एवं वंचित वर्ग को न्याय प्रदान करना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की स्थापना की गयी है। वहीं भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 अ वंचित तथा असहाय वर्ग के लिए निःशुल्क सेवा के बारे बताता हैं। इसके अतिरिक्त पैरालीगल स्वयं सेवकों के द्वारा ‘न्याय चला घर-घर’ ध्येय वाक्य को सार्थक करने हेतु घर-घर जाकर विधिक जागरूकता फैलाई जा रही है।

कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि संविधान हमारे देश की आत्मा है, जो सामाजिक न्याय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि विधि के विद्यार्थियों से अपेक्षा है, कि वे घर-घर जाकर जागरूकता फैलाई तब ही सही मायनों में भारतीय संविधान की मूल भावना ‘‘हम भारत के लोग’’ को प्राप्त कर सकेगें। यदि हम संविधान की मूल भावना को समझ लेंगे तो किसी भी प्रकार का कोई धार्मिक उन्माद नहीं होगा। उन्होंने अपनी बात को स्वर्गीय मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियों ‘‘संसार को पहले हम ही ने ज्ञान-शिक्षा, दान की, आचार की, व्यवहार की, व्यापार की, विज्ञान की’’ के द्वारा पूरा किया।

 संकाय अध्यक्ष प्रो.डॉ. वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि यूँ तो भारत 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन ऐसी क्या था कि हमें अपना संविधान बनाने की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने बताया कि दो साल ग्यारह महीने अट्ठारह दिन के लम्बे समय और अथक परिश्रम के उपरान्त 26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हो गया था। लेकिन इसे 26 जनवरी, 1950 को ही लागू किये जाने का कारण यह था कि 26 जनवरी, 1930 को पहली बार भारत की स्वतंत्रता की बात की गयी थी। भारतीय संविधान नागरिकों को अनुच्छेद 14,19 एवं 21 के रूप में ‘‘स्वर्ण त्रिभुज’’ देता है। आज के दिन सभी से आशा की जाती हैं कि आप अपने मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए पहले अपने मौलिक कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभायेगें और एक स्वच्छ-स्वस्थ तथा संवेदनशील समाज की स्थापना करेगें।

 कार्यक्रम के अन्त में इस एक सप्ताह में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। क्विज प्रतियोगिता में लॉ कॉलेज से प्रकृति प्रथम, उदार कला और मानविकी विभाग से अतुल कौशिक, द्वितीय तथा शिवांगी कुमारी (लॉ कॉलेज) तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं पोस्टर प्रतियोगिता में मैनेजमेंट कॉलेज के अमन प्रथम, फाइन आर्ट्स कॉलेज तथा मैनेजमेंट कॉलेज के क्रमशः आयशा अंसारी तथा गौतम कुमार द्वितीय स्थान पर तथा फाइन आर्ट्स कॉलेज तथा साइंस कॉलेज के चिराग तथा वंशिका क्रमशः तृतीय स्थान पर रहे। लॉ कॉलेज की रितिका तथा साइंस कॉलेज की अंशिका त्यागी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। लीगल ड्राफ्टिंग प्रतियोगिता में सुभारती लॉ कॉलेज की अंकिता प्रथम स्थान पर, शिवम् शर्मा द्वितीय स्थान तथा प्रिया चौधरी तृतीय स्थान पर रहें। निबंध प्रतियोगिता में साइंस कॉलेज की मिताली सैनी प्रथम स्थान पर, गौरव राय इंजीनियरिंग कॉलेज से द्वितीय स्थान पर तथा विक्रांत कुमार तथा ऐश्वर्या चौरसिया इंजीनियरिंग कॉलेज से तृतीय स्थान पर रहे। वहीं युवा छात्र संसद 2024 के बेस्ट डेलीगेट का पुरस्कार लॉ कॉलेज के ओम ठाकुर (श्री नरेन्द्र मोदी) को, हाई कमेंडेशन लॉ कॉलेज की पावनी अरोरा (श्री सुधांशु त्रिवेदी), स्पेशल मेंशन डेंटल कॉलेज की भव्या तनेजा (सोनिया गांधी) एवं इशिका चौधरी (श्रीमती जया अमिताभ बच्चन), तथा लॉ कॉलेज की अमीना (महुआ मोइत्रा) के नाम रहा। इस युवा छात्र संसद 2024 में सर्वश्रेष्ठ विधेयक प्रस्तुत कर्ता का पुरस्कार लॉ कॉलेज के ओम ठाकुर के नाम रहा। कार्यक्रम का संचालन बी.ए चतुर्थ वर्ष की जोयाराव द्वारा किया गया।कार्यक्रम में डॉ. सारिका त्यागी, डॉ. प्रेम चन्द्र, डॉ. अनुराधा अस्थाना, डॉ. अजय राज सिंह, एना सिसोदिया, सोनल जैन, अरशद आलम, शालिनी गोयल, आशुतोष देशवाल तथा हर्षित, डॉ. रफत खानम आदि शिक्षक शिक्षिकाएं तथा बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी  उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सफलता में ईशा त्यागी, अंशिका सिंह, आदि का विशेष योगदान रहा।

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