समेत 50 से ज्यादा दवाएं टेस्ट में फेल

सरकार ने 53 फिक्स डोज दवाओं को बैन किया  

नयी दिल्ली,एजेंसी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 53 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल कर दिया है। इनमें बीपी, डायबिटीज और विटामिन की कुछ दवाएं भी शामिल हैं।केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच के बाद केन्द्रीय सरकार ने 53 दवाओं को तत्काल प्रभाव से बेन कर दिया है। 

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठनने जो दवा फेल की हैं उनमें दर्द दूर करने वाली दवा डिक्लोफेनेक, बुखार उतारने वाली दवा पैरासिटामोल,एंटीफंगल मेडिसिन फ्लुकोनाजोल और कुछ विटामिन की दवाएं भी हैं। ये दवाएं देश की कई बड़ी फार्मास्युटिक्लस कंपनी बनाती है। क्वालिटी टेस्ट में ये मेडिसन फेल हो गई है और उनको सेहत के लिए खतरनाक बताया गया है।

सीडीएसओ ने 53 दवाओं को टेस्ट में फेल किया है हालांकि लिस्ट 48 दवाओं की जारी की गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 दवा को बनाने वाली कंपनी का कहना है कि ये उनकी दवा नहीं है। केवल उनकी कंपनी के नाम से नकली दवा बाजार में बेची जा रही है। जो दवाएं बैन की गई हैं उनमें सनफार्मा द्वारा निर्मित पैन्टोसिड टैबलेट भी है।यह दवा एसिड रिफ्लक्स के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। कई लोग इस दवाओं कोे यूज करते हैं और इसकी खपत भी बीते कुछ सालों में बढ़ी है,लेकिन यह दवा भी परीक्षण में पास नहीं हुई है।

कैल्शियम और विटामिन डी की गोली  शेल्कल और पल्मोसिल इंजेक्शन, जो हाई बीपी के उपचार के लिए उपयोग की जाती है, यह भी टेस्ट में फेल रही है। एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 दवा परीक्षण में फेल रही। हालांकि कुछ दवा कंपनियों ने भी दावा किया है कि सीडीएसओ की ओर से दवाओं के चिह्नित बैच नकली हैं और उनके द्वारा निर्मित नहीं हैं।

सेहत को नुकसान

केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, एमाइलेज, प्रोटीएज,अल्फा गैलेक्टोसिडेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से लोगों को खतरा होने की आशंका है. जो दवाएं बैन की गई हैं उनमें हेयर ट्रीटमेंट के लिए एंटीपैरासिटिक दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि इन दवाओं के स्थान पर दूसरी दवाओं को यूज करें।

कुछ दिन पहले 156 फिक्स डोज दवाएं हुई थी बैन

कुछ दिनों पहले भी सरकार ने 156 फिक्स डोज दवाओं को बैन किया था। उन दवाओं को भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया था। तब सरकार ने ड्रग्स एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के बाद यह फैसला लिया था। फिक्स डोज दवाएं यानी एफडीसी वो दवा होती है जिसमें एक ही गोली में एक से ज्यादा दवा मिलाई जाती है उनको इनको खाने से तुरंत आराम भी मिल जाता है।

केन्द्रीय सरकार के सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली 53 दवा को बैन करने के बाद दवा बेचने वालों दुकानदारों में हड़कंप मच गया है। होल सेल दुकानदारों करोड़ों रूपये की दवाओं को स्टॉक किया हुआ है। अब उनके सामने समस्या खड़ी हो सकती है। 

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