भारत समेत पूरी दुनिया में शेयर बाजार में चार साल में सबसे बड़ी गिरावट
शेयर मार्केट में पैसा लगाने वालों में मचा हाहाकार ,दुनिया में छाया ब्लैक मंडे
नयी दिल्ली,एजेंसी। सोमवार का दिन पूरी दुनिया के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ है। भारत समेत पूरी दुनियार के शेयर बाजार में पिछले चार साल में सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दे रही है। शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले औधें मुंह गिर गये है। करोड़ों लोगों को करोड़ो रूपया एक झटके में डूब गया है। इसका कारण अमेरिका में आर्थिक मंदी बताया जा रहा है।
दरअसल अमेरिका में बीते शुक्रवार को नौकरी से जुड़े आंकड़ें जारी किए गए। इन आकंड़ों में लोगों को उम्मीद के मुताबिक जॉब न मिलने से बेरोजगारी दर 3 साल के हाई पर पहुंच गया। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका में मंदी की आशंका ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया।इस रिपोर्ट से अमेरिकी बाजार धड़ाम हो गया। इसका असर बाकी बाजारों पर भी दिखना शुरू हो गया। दरअसल अमेरिका में मंदी आती है तो इसे ग्लोबल मंदी के तौर पर देखा जाता है।अमेरिका की ये खबर भारत के लिए विलेन साबित हुई।सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने 4 साल की एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। हालांकि लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन भी बाजार बुरी तरह टूटा था. इस एक दिन को छोड़ दिया जाए तो सोमवार को मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
जापान में एतिहासिक गिरावट
भारत ही नहीं गिरावट का असर सबसे ज्यादा जापान में दिखने को मिला। जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 4,451 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।यह अंक के हिसाब से इसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। आलम यह हो गया कि जापान और कोरिया मार्केट की ट्रेडिंग थोड़ी देर के लिए रोकनी पड़ गई। जापान के बाद कोरिया की बात करें तो कोरिया एक्सचेंज के बेंचमार्क Kospi में आठ फीसदी से ज्यादा गिरावट के बाद कुछ देर के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। वहीं ताइवान का Taiex इंडेक्स भी 8.4% गिरकर बंद हुआ जो इसकी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। ऑस्ट्रेलिया के S&P/ASX 200 इंडेक्स में 3.6% गिरावट आई। हॉन्ग कॉन्ग के Hang Seng इंडेक्स में 2.6% और चीन के Shanghai Composite में 1.2% गिरावट आई है।
क्यों आई इतनी बड़ी गिरावट
भारत में गिरावट के लिए जहां अमेरिका ने विलेन का काम किया, तो वहीं जापान में एतिहासिक गिरावट के लिए 3 विलेन जिम्मेदार रहे। येन में उछाल, सख्त मौद्रिक नीति और अमेरिका में मंदी। इन तीन वजहों ने जापान का मार्केट पूरी तरह से तोड़ दिया। इन कारणों की वजह से जापान में निवेशकों का भरोसा टूटा जिसके बाद जापान के इक्विटी बेंचमार्क पिछले महीने की रिकॉर्ड ऊंचाई से लगभग 20 प्रतिशत तक नीचे गिर गए।
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