इस बार गुरूवार को मनाया गया विश्व टीबी दिवस 

जनपद की सभी टीबी यूनिटों पर 200 क्षय रोगी गोद ‌लिए गए

 टीबी मरीजों को विभाग के अधिकारियों ने किया पोषाहार का वितरण 

मेरठ। हर वर्ष 24 मार्च को आयोजित किए जाने वाले विश्व टीबी दिवस का आयोजन इस बार शासन के निर्देश पर 28 मार्च को किया गया। दरअसल 24 मार्च को होली का त्यौहार होने के चलते शासन ने यह निर्णय लिया था। बृहस्पतिवार को विश्व टीबी दिवस का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन  के निर्देशन में सभी टीबी यूनिट पर किया गया। इस मौके पर जनपद की सभी 20 यूनिट पर कुल मिलाकर 200 क्षय रोगी गोद लिए गए। 

 विश्व टीबी दिवस के मौके पर जनपद मेरठ में जिला क्षय रोग केंद्र और जनपद की विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों पर टीबी मरीजों को गोद लेने और उन्हें पोषण पोटली वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।जनपद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 200 टीबी के मरीजों को गोद लेकर पोषण पोटली वितरित की गई  मरीज को गोद दिलवाने और उन्हें पोषण पोटली उपलब्ध कराने  के कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला पोषाहार कोऑर्डिनेटर  अंजू गुप्ता का विशेष योगदान रहा।  जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर गुलशन राय , यूपी जिला टीबी अधिकारी डॉक्टर विपुल कुमार, जिला प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर  नेहा सक्सैना और जिला सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर  अजय सक्सेना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी व राष्ट्रीय क्षय  का उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मचारियों द्वारा विश्व टीवी दिवस के अभिषेक अवसर पर जनता को टीवी के बारे में जागरूक करने और टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनता की सक्रिय भागीदारी  के महत्व पर जोर दिया गया।

 आयुष्मान आरोग्य मंदिर में मेरठ टॉप पर 

आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की राष्ट्रीय टीबी  उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी में जनपद मेरठ ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जनपद के 97% आयुष्मान आरोग्य मंदिर टीबी  उन्मूलन कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दे रहे हैं स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों की मदद से और जनता के सक्रिय भागीदारी के साथ ही 2025 तक टीबी  मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है

  डीटीओ  ने बताया कि  विश्व टीबी दिवस के आयोजन का उद्देश्य जन समुदाय को टीबी के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा - टीबी पूरी तरह साध्य है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखारखांसी में खून या बलगम आनारात में सोते समय पसीना आनाथकान रहनावजन कम होना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते ह‌ैं। इनमें से यदि एक भी लक्षण नजर आए तो टीबी की जांच अवश्य कराएं। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। अपनों के बचाव के लिए क्षय रोगी मास्क का प्रयोग करें। दो माह के नियमित उपचार के बाद रोगी के संपर्क में रहने वालों को संक्रमण का खतरा नहीं रहता। क्षय रोगी दवा बीच में न छोड़ें। चिकित्सक की सलाह पर पूरा उपचार लें।


सोशल वेलफेयर सोसाईटी ने टीबी मरीजों केा किया पोषाहार का वितरण 
गुरुवार  को कंटोनमेंट हॉस्पिटल के टी बी विभाग में विश्व क्षयरोग दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि सारथी सोशल वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष कल्पना पांडे व जनप्रतिनिधि अरिवल कुमार सिद्धू द्वारा मरीजों को पोषण आहार वितरित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंकिता भारद्वाज द्वारा सभी टी बी मरीजों को टीबी की बीमारी से बचाव के उपाय बताए गए। टीवी विभाग से  विक्रांत ढाका, नफीस,  जितेंद्र कुमार,  और योगेश कटारिया  मनवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।


 

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