जब एक डोगी ने  अपने बच्चे को बचाने के लिए इंसान का लिया सहारा  

 मलबे के ढेर में दबे होने के कारण एक पैर हुआ खराब 

 मेरठ। आजकल का समय जहां इंसान इंसान को नहीं समझ रहा है वही जानवर को पता है कौन अपना है कौन पराया है। शुक्रवाार को आनंदपुरी में एक ऐसी  घटना देखने को मिली। जब अन्नपूर्णा चेरिटेबल ट्रस्ट की फाउंडर पायल जैन  को  मंदिर से लौटते समय एक डोगी  मिली। अचानक सड़क पर एक  मां के रूप में एक  कुत्तिया  उनके   कपड़े पकड़ लिए वह उनसे  कुछ कहना चाहती थी  वह  उसकी भाषा को  समझ गई वह उन्हें कहीं ले जाना चाहती थी । जिस स्थान पर वह ले गयी वहा पर उसका एक बच्चा फंसा हुआ है। जिसे उन्होने अपने बच्चों के साथ सुरक्षित निकाला। 

  दरअसल  जिस स्थान पर उसका बच्चा फंसा था वहा से पांच छ मकान को छोड कर वह सडक पर सहायता मांगने के लिए रो रही थी जिस मकान में वह डोगी पायल जैन को ले गयी।जो लंबे समय  से डोगी का बच्चा फंसा हुआ था। डोगी ने उसे वहां से निकालने का भरसक प्रयास किया लेकिन थक हारकर उसने इंसान का बच्चे को बचाने का सहारा लिया। ।  मकान में काफी तलाश के बाद वहां एक डोगी के बच्चे की रोने की आवाज आयी। जाकर देखा को वह मलबे में फंसा हुआ था। उसका पैर मलबे दबने से खराब हो गया था। पायन जैन ने अपने बेटे की मदद से मलबा हटा कर उसे बाहर सुरक्षित निकालकर उसको जीवन दान दिया। 

आप सभी देखिए मां और बेटे का मिलन पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाता है एक सवाल का जवाब आज तक मैं किसी को नहीं दे पाई मैं जानती हूं मेरा परमात्मा उसी ने चुना मुझे इस कार्य के लिए इतनी बड़ी दुनिया में सेवा में तत्पर रहे। 

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