पं दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट कॉलिज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

मेरठ। पं दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट कॉलिज, माल रोड़, मेरठ एवं आईसीएसएसआर दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। एनईपी2020:  एजुकेशन इन कन्टेम्परेरी इंडिया विषय पर आयोजित संगोष्ठी के प्रथम चरण का शुभारंभ आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलिजिस के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ मयंक अग्रवाल एवं चेयरमैन  योगेश मोहनजी गुप्ता द्वारा मा सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख्य द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।

देश के विभिन्न हिस्सों से आये शिक्षा जगत के विद्वानों का का परिचय संस्थान के निदेशक डॉ निर्देश वशिष्ठ द्वारा कराया गया। विद्वतजनों में डॉ राजीव कुमार अग्रवाल क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मेरठ, पी के मिश्रा डायरेक्टर सीपीआरएचई नेयपा नई दिल्ली, प्रो सोती शिवेन्द्र चन्द्र, पूर्व प्राचार्य एसएसपीजी कॉलिज सहारनपुर ने संगोष्ठी के विषय पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रो पीके मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति 1986 के 34 वर्ष बाद आई है और यह शिक्षक, विद्यार्थी व समाज सभी के लिए लाभदायक है। भारत 65 प्रतिशत युवाओं का देश है और यह शिक्षा नीति देश को नई दिशा प्रदान कर सकती है। इसी क्रम में डॉ जितेन्द्र गोयल ने कहा कि शिक्षक भविष्य का आधार है। यदि शिक्षक अर्थात मशीन ही खराब होगी तो उनसे पढ़े छात्र अर्थात उत्पाद ही खराब होगा। बताया कि नई शिक्षा पद्धति में बी0एड़ पाठ्यक्रम को चार वर्षीय करने से पहले विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

डॉ0 संजय त्यागी ने कहा कि भाषा, कला एवं शिक्षा एक-दूसरे पर आश्रित हैं। श्री सोती शिवेन्द्र ने बताया कि नई शिक्षा नीति में स्नातक के साथ शोध की पढाई भी की जा सकती है। इसके उपरान्त सोवेनियर का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। संगोष्ठी की मुख्य संयोजिका डॉ ऋतु भारद्वाज प्राचार्य, पं0 दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट कॉलिज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

द्वितीय चरण में मंच का संचालन आनन्द स्टीफन एवं पारामिता दास उकिल ने किया एवं द्वितीय चरण के अतिथियों का परिचय कराया। डॉ0 संजय त्यागी प्राचार्य विवेक कॉलिज ऑफ एजुकेशन बिजनौर, डॉ एसपी सिंह प्राचार्य दीवान इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन मेरठ एवं डॉ जितेन्द्र गोयल सहायक प्रवक्ता शिक्षा विभाग चौ चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एनईपी2020:  एजुकेशन इन कन्टेम्परेरी इंडिया विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। तद्उपरान्त देश के विभिन्न हिस्सों से आये शोधार्थियों द्वारा अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। आनन्द स्टीफन ने सभी उपस्थिति विद्वतजनों का आभार व्यक्त किया।

संगोष्ठी के प्रथम दिवस के सफल आयोजन में सचिव डॉ रोबिन्स रस्तौगी एवं डॉ तबस्सुम तथा सहसंयोजक डॉ रचना त्यागी एवं डॉ अमित शर्मा का विशेष योगदान रहा। डॉ मंजू चौधरी, डॉ नीता गौड़, डॉ प्रतिमा, प्रवीन कुमार गौतम, डॉ नीरू चौधरी, अनुराधा त्यागी, शिखा मंगा, स्वाति अग्रवाल ने कार्यक्रम के सफल संचालन में मुख्य भूमिका निभाई। डॉ प्रदीप गुप्ता, अनुराग माथुर, आशुतोष भटनागर, डॉ देवेश गुप्ता, डॉ गौरव शर्मा, विमल प्रसाद, विनोद कुमार, लकी बेरवाल, प्रशान्त गुप्ता, चिराग जैन, के0के0 कौशिक, चिराग त्रेहान, अपार शर्मा, निकिता शर्मा, अजय चौधरी, गौरव, रूबी सिंह, अर्जुन किशन, नेहा सक्सेना, अलीशा खान, उत्तम नेगी, अमित सिंह, अंकित शर्मा, राधेश्याम, सुमनलता, राजीव पोसवाल, आकाश शर्मा, प्रदीप शर्मा, अरूण कुमार, कमल सिंह, भानू प्रताप, मुकेश कुमार एवं मीडिया कोर्डिनेटर सुनील शर्मा का सहयोग रहा।

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