प्रारंभिक जांच में प्रबंध निदेशक पीवीवीएनएल ने बिजली अधिकारियों को दी क्लीन चिट

मेरठ। चैत्रा वी ने पत्रकारवार्ता में कहा की राली चौहान में हुए हादसे की प्रारंभिक जांच में क्षेत्र के जेई और अन्य अधिकारियों की कोई गलती नही है। गांव में रोस्टर के अनुसार शाम साढ़े पांच से लेकर साढ़े छह बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित थी, उसके बाद आपूर्ति चालू कर दी गयी। गांव में किसी ने भी शटडाउन नहीं मांगा, कांवड़ संबंधी कोई जानकारी नहीं दी गयी। जिस कारण आपूर्ति चालू रही।

हादसे को लेकर उन्होंने कहा कि विभाग की 11 केवी की लाइन अपने जगह के मानकों के हिसाब से 5.8 मीटर थी, जबकि कांवड़ की ऊंचाई 6 मीटर से अधिक थी। कांवड़ मानकों से अधिक ऊंची थी, जबकि पहले ही कांवड़ की ऊंचाई के मानक बैठक में  तय किये गए थे। उन्होंने हादसे को लेकर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को एक एक लाख का मुआवजा विभाग की ओर से दिए जाने की बात कही। साथ ही 11 केवी की लाइन को लेकर हुए हंगामे पर एक जांच टीम भी बनाई।

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