एक कदम सुपोषण की ओर” अभियान में गाजियाबाद तीसरे स्थान पर रहा
गर्भवती और धात्री माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आयोजित किया गया था एक माह का विशेष अभियान
सात जून से छह जुलाई तक चले अभियान में 89.4 हजार महिलाओं को मिला ई-कवच
गाजियाबाद, 16 जुलाई, 2023। गर्भवती और धात्री (स्तनपान कराने वाली) माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुपोषण सबसे पहली जरूरत है। दरअसल गर्भवती और धात्री माताओं को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है। इस पोषण की जरूरत को पूरा करने के लिए शासन के निर्देश पर सात जून से छह जुलाई तक जनपद समेत पूरे सूबे में “एक कदम सुपोषण की ओर” अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान 89.4 हजार गर्भवती और धात्री माताओं का पंजीकरण करने के साथ ही 1173 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हित की गई हैं। अभियान में गाजियाबाद जनपद तीसरे नंबर पर रहा। पहले और दूसरे नंबर पर क्रमशः पीलीभीत और हाथरस जनपद रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया - मातृ- शिशु मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए गर्भधारण करने के साथ ही बेहतर खानपान और देखरेख जरूरी है। इससे जहां शिशु का बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास होता है वहीं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव की भरपाई करने के लिए गर्भवती का शरीर खुद को तैयार कर पाता है। प्रसव के बाद स्तनपान के दौरान भी मां के शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है। इसी मंशा से शासन के निर्देश पर गर्भवती और धात्री माताओं के लिए “एक कदम सुपोषण की ओर” अभियान के तहत जनपद में 89,431 गर्भवती और धात्री माताओं को पंजीकृत कर आईएफए (आयरन एंड फोलिक एसिड) कैल्शियम और एल्बेंडाजोल की गोलियां वितरित की गईं। शासन स्तर पर हुई समीक्षा के दौरान जनपद को सूबे में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया - इस विशेष अभियान के तहत 1173 हाई रिस्क प्रेगनेंसी चिन्हित की गईं। इनके चिन्हांकन से समय रहते चिकित्सकीय प्रबंधन उपलब्ध कराया जा सकेगा। अभियान के दौरान एनीमिया से ग्रसित कुल 148 गर्भवती को सुक्रोज आयरन दिया गया है। आयरन सुक्रोज गर्भ के तीन माह बाद हीमोग्लोबिन 10 ग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे होने पर दिया जाता है। इसके साथ ही अभियान के दौरान 56.61 लाख आईएफए और 96.18 लाख कैल्शियम की गोलियां वितरित की गई हैं। कृमि से मुक्ति के लिए 36,431 एलबेंडाजोल की गोलियां दी गईं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) अनुराग भारती ने बताया - गर्भकाल की पहली तिमाही में कुल 4762, दूसरी तिमाही में 43,798 गर्भवती पंजीकृत की गईं। इसके अलावा स्तनपान कराने वाली 40,871 महिलाओं को ई-कवच पर पंजीकृत उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया - ई-कवच पर पंजीकरण के बाद इनके स्वास्थ्य की पूरी कुंडली एक क्लिक पर डाक्टरों के सामने होगी, इससे उनकी मॉनिटरिंग, फालोअप और बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन में काफी मदद मिलेगी।


No comments:
Post a Comment