बीमारी क्या पडा अधिवक्ता चैंबर पर कब्जा जमा लिया 

 खाली कराने को कहा दी जान से मारने की धमकी 

 चेंबर पर कब्जा करने के विरोध में अधिवक्ता का धरना

मेरठ। मंगलवार को कचहरी परिसर में चेंबर पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता ने चेंबर के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान अधिवक्ता ने बताया कि उनका कचहरी परिसर में एक चेंबर है। बीमारी के चलते वह कचहरी में नहीं आ पाए। इसी बीच अन्य अधिवक्ताओं ने साठगांठ करके उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया। चेंबर को कब्जा मुक्त कराने के लिए तमाम प्रयास किए गए, लेकिन अभी तक चेंबर कब्जा मुक्त नहीं हो पाया है।

 योगेंद्र पाल चिकारा आरोप है कि वह एडवोकेट हैं। उनकी उम्र 75 वर्ष है। एडवोकेट का आरोप है कि उन्हें कलेक्ट्रेट कंपाउंड में 1983 में सीट नंबर 112 अलर्ट हुई थी। इस दौरान अधिवक्ता ने जमीन पर कमरा बनवा कर वकालत शुरू कर दी थी। एडवोकेट नरेंद्र का कहना है कि वह मेरठ के अलावा अन्य जिलों में भी वकालत करते हैं। पीड़ित एडवोकेट का आरोप है कि 2022 में हार्ट प्रॉब्लम के चलते वह अपने चेंबर पर नहीं आ पाए थे। उन्होंने बताया कि मई 2023 में जब वह अपने चेंबर पर पहुंचे तो चेंबर का नक्शा बदला हुआ था। चेंबर पर नरेंद्र कुमार शर्मा एडवोकेट, विपिन शर्मा एडवोकेट, मोहम्मद सलीम सिद्दीकी व मोहम्मद वसीम सिद्दीकी एडवोकेट के नाम लिखे हुए थे।

जब उन्होंने इन अधिवक्ताओं से चेंबर खाली करने की बात कही तो इन्होंने चेंबर खरीदने की बात बताई और धमकी दी कि आज के बाद चेंबर पर नहीं आना नहीं तो जान से मार देंगे। अधिवक्ता का आरोप है कि उसके बाद उन्होंने नजारत में जाकर अपने चेंबर का रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि चेंबर उन्हीं के नाम पर है। उसके बाद से वह लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन आरोपी अधिवक्ता चेंबर को खाली नहीं कर रहे। वहीं धरने की जानकारी पर सिविल लाइन थाना पुलिस पहुंच गई। अधिवक्ता को धरना समाप्त करने के लिए कहने लगी, लेकिन अधिवक्ता ने चैंबर खाली होने तक धरना समाप्त करने से इंकार कर दिया।

सिविल लाइन थाना प्रभारी समर बहादुर सिंह का कहना है कि चेंबर को लेकर अधिवक्ताओं में कुछ विवाद चल रहा है तहरीर मिली है जांच की जा रही है बार काउंसिल से बात कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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