साहित्यक परिचर्चा के बीच हुआ 'मुझे उड़ने दो' उपन्यास का विमोचन

-एडीएम सिटी, डीडीओ, जिला सूचना अधिकारी रहें मौजूद, उपन्यास को लेकर प्रस्तुत किए अपने विचार
मेरठ। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नालिस्ट (उपज) एवं एमएल फिल्म प्रोडक्शन की ओर से गढ़ रोड स्थित सात फेरे रेस्टोरेंट में उपन्यास 'मुझे उड़ने दो' का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। युवा सिंगर अब्दुल्ला ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ताओं ने वरिष्ठ पत्रकार लियाकत मंसूरी द्वारा लिखे गए उपन्यास 'मुझे उड़ने दो' को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहें एडीएम सिटी दिवाकर सिंह ने कहा, उपन्यास का दौर आज लगभग खत्म हो गया है। अब लोगों की रूचि पढ़ाई में नहीं रही, ऐसे समय में उपन्यास का लिखना और उसको प्रकाशित करना आसान नहीं है। जिला सूचना अधिकारी सुमित कुमार ने कहा, यह उपन्यास समाज को आगे ले जाने का कार्य करेगा। आप और वह, कुछ ना कुछ समाज के एक गड्ढे हैं, इसलिए हम आगे बढ़े हैं, इसी तरह का कार्य प्रत्येक पत्रकार को अपने लेखन के द्वारा समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए। अपने अभिभाषण में डीडीओ एसएन चौरसिया ने कहा, पहले उपन्यास केवल मनोरंजन का साधन हुआ करते थे, लेकिन आज के समय में उपन्यास के द्वारा लेखकों ने समाज की घटनाओं का उल्लेख किया है। आज उपन्यास समाज का चित्रण बन चुका है। उन्होंने कहा, लियाकत मंसूरी की अभी शुरुआत है और आपको अभी और भी आगे जाना है। चौधरी चरण सिंह विवि के मॉस कम्यूनिकेशन विभाग के हैड प्रोफेसर प्रशांत कुमार, आईआईएमटी मीडिया विभाग के डीन डा. रविंद्र राणा, समाजसेवी विपुल सिंघल ने कहा, इस उपन्यास में समाज की बुराइयों को जिस तरह से उठाया गया है, यह काबिले तारीफ है। मंच का संचालन गौरव राजपूत व विभूति रस्तोगी ने संयुक्त रूप से किया। आयोजन रोहित कुमार लिसाड़ी ने किया।
इनको किया गया सम्मानित
इस मौके पर उपज के जिलाध्यक्ष अजय चौधरी, ग्राम प्रधान बातनौर सजाऊद्दीन मलिक, भाजपा नेता सुधीर रस्तोगी, अंजु शर्मा, ताज मोहम्मद, तनवीर अंसारी, शाहीन खान, बुद्ध प्रकाश भगत, गौरी वर्मा, मान्य वर्मा, अमरीन खान, डा. फखरे आलम विद्यासागर, महविश महताब, डांसर विशाल चौधरी, बॉलीवुड एक्टर ललित मनचंदा, शाहिद खान, मोहम्मद शाहिद, शाहरूख, कवियत्री नीलम मिश्रा, कवि डा. सुदेश जख्मी आदि को सम्मानित किया गया

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