प्रसव पूर्व जांच के लिए ड्यू लिस्ट तैयार करेंगी आशा-एएनएम
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को सफल बनाने के प्रयास- एंबुलेंस के जरिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर कराएंगी प्रसव पूर्व जांच
- गर्भवती के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर की जाएगी जलपान की व्यवस्था
मेरठ, 4 मार्च 2023। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) को गति देने के लिए अब टीकाकरण की तर्ज पर प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए ड्यू लिस्ट तैयार होगी। इतना ही नहीं आशा- एएनएम गर्भवती को एंबुलेंस-102 के जरिए घर से स्वास्थ्य केंद्र तक लाने ले जाने की व्यवस्था भी करेंगी। स्वास्थ्य केंद्र पर एमबीबीएस चिकित्सक/ स्त्री रोग विशेषज्ञ की देखरेख में जांच की जाएगी और केंद्र पर पहुंचने वाली गर्भवती के लिए जलपान की भी व्यवस्था की जाएगी। दूसरे और तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती को पीएमएसएमए बुलावा पर्ची दी जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने बताया - मातृ-शिशु मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग का प्रयास है कि हर गर्भवती की निर्धारित चार प्रसव पूर्व जांच जरूर हों। एएनसी के दौरान गर्भवती को निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा उपलब्ध कराने के लिए निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों से संपर्क किया जा रहा है। हर अल्ट्रासाउंड के लिए 250 रुपए का भुगतान विभाग की ओर से ई-वाउचर के जरिए किया जाएगा। सीएमओ ने कम से कम 10 निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं जहां ई-वाऊचर के जरिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। जिले में चार स्थानों पर यह सुविधा शुरू हो गई है जबकि अन्य पर शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सीएमओ ने बताया - राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय की ओर से दूसरे-तीसरे त्रैमास वाली गर्भवती को चिन्हित कर ड्यू लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। आशा-एएनएम घर जाकर यह कार्य करेंगी और गर्भवती को हर माह की नौ व 24 तारीख को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर एएनसी भी कराएंगी। गर्भवती को स्वास्थ्य केंद्र लाने - ले जाने के लिए प्रसव सेवाओं के लिए आरक्षित एंबुलेंस - 102 उपलब्ध कराई जाएगी। पीएमएसएमए के लिए निर्धारित दिनों, नौ और 24 तारीख को स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाली गर्भवती के लिए जलपान की व्यवस्था करने के निर्देश भी मिशन निदेशक की ओर से दिए गए हैं।
एएनसी क्या है ?
प्रसव काल के नौ माह में गर्भवती की चार बार प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की जाती है। पहली जांच 12 सप्ताह के अंदर, दूसरी 14 से 26 सप्ताह में, तीसरी जांच 28 से 34 और चौथी 36 सप्ताह के बाद करानी होती है। प्रसव पूर्व जांच का उद्देश्य मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है। प्रसव पूर्व जांच के दौरान रक्तचाप, वजन, ऊंचाई, रक्त की जांच, मूत्र में शक्कर व प्रोटीन की जांच, पेट की जांच (अल्ट्रासाउंड), गर्भवती को टिटनेस का टीका लगाना और आयरन की गोलियां देना शामिल है। इन जांचों का उद्देश्य अधिक जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) की पहचान और चिकित्सकीय प्रबंधन करना है।
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