शिक्षित बनोगे तभी होगा समाज का उद्धार. राज रतन  अंबेडकर

 मेरठ में राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन
यूपी समेत कई राज्यों के हजारों लोगों ने लिया सम्मेलन में भाग

मेरठ। 1957 में जिस ऐतिहासिक मैदान पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का भाषण हुआ था उसी मैदान पर रविवार को राष्ट्रीय बौद्ध महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें यूपी समेत कई राज्यों के हजारों दलित समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मुंबई से मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोत्र राज रतन ने कहा कि वह अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं।



सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मेहमूद प्राचा ने कहा कि आज का दिन मेरठ के लिए ऐतिहासिक दिन है इसी मैदान पर 1953 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने समाज के लिए ऐतिहासिक भाषण दिया था जिसके बाद से यह पहला राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन है जोकि बाबा साहब को समर्पित है। उन्होंने कहा कि दलित समाचार काफी शिक्षित हो रहा है लेकिन अभी कई ऐसे इलाके हैं जहां पर इसकी दरकार है।
भीम आर्मी के प्रमुख विनय रतन ने कहा कि अभी भी देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर दलितों के साथ अत्याचार की घटनाएं हो रही है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा। हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी है।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने कहा कि अब समय आ गया है जी दलित समाज को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे आना होगा। उन्होंने किसी का नाम ले लेते हुए कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक दल दलगत भावना से काम कर रहे हैं जिसका प्रभाव समाज में साफ तौर पर देखा जा रहा है जबकि कानून के अंदर इस तरह का कोई भी प्रावधान नहीं है।
मेरठ कॉलेज के  प्रोफेसर सतीश प्रकाश ने कहा कि अभी भी समय है दलित समाज को समझ जाना चाहिए। दलित समाज को अपने को मजबूत करने के लिए आगे आना होगा। सम्मेलन में डॉक्टर मुकुट सिंह बृजपाल सिंह अधिवक्ता राजकुमार भजन गायक शशि भूषण विजय बौद्ध चंदन सिंह रैदास आदि ने अपने उजक भाषण से कार्यक्रम में समा बांध दिया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक बनते सुमित रतन  ने बताया कि सम्मेलन में यूपी उत्तराखंड दिल्ली हरियाणा वह राजस्थान वह पंजाब के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसमें काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे व युवा शामिल रहे l

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