साहब ! दिल्ली रोड का रास्ता रोका को प्रतिमाह होगा 40 हजार का नुकसान

 व्यापारियों ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर रास्ता न बंद कराने की मांग की
मेरठ । दिल्ली रोड पर अंडरग्राउंड रैपिड रेल का काम चल रहा है। इन्हीं वजह से कंपनी रूट डायवर्ट कर देती है। बैरिकेडिंग लगे होने से व्यापारियों के काम पहले ही ठप हैं। ऐसे में उन्हें दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद समाधान नहीं हो सका। व्यापारियों ने कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।
उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष दिल्ली रोड व्यापार संघ से लोकेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी रैपिड रेल परियोजना का विरोध नहीं कर रहे हैं। यह परियोजना जनता के लिए लाभदायक है। लेकिन कंपनी के लोग बिना सूचना के बैरिकेडिंग लगा देते हैं, तो कभी रूट डायवर्ट कर देते हैं। इन्हीं वजहों से व्यापारियों को दिक्कत आ रही है। कोरोना काल में व्यापारियों की कमर टूट चुकी हैं। लेकिन अब स्थिति पहले जैसी बन रही है। उनका कहना है कि रैपिड रेल के अधिकारी द्वारा व्यापारियों की दुकानें भी तोड़े जाने की बात सामने आ रही है। जिसकी स्पष्ट जानकारी व्यापारियों के पास नहीं है। इन परिस्थितियों में व्यापारी भय के वातावरण में अपना व्यापार कर रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यापारियों को आश्वासन दिया है।
फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड के ट्रैफिक को बंद न किया जाए, यदि आवश्यक हो तो बड़े वाहनों ट्रक व बस आदि को बागपत रोड़ या रोहटा रोड से निकाला जाए। रोड बंद होना अति आवश्यक होने की दशा में व्यापारियों के बिजली के बिल, हाउस, टैक्स, जीएसटी, बैंक के ब्याज, लेबर की तनख्वाह व घर के खर्चे के लिए प्रत्येक दुकानदार को 40 हजार रूपये मासिक दिए जाने की व्यवस्था की जाए, जिससे व्यापारी अपने परिवार के जीवन यापन की व्यवस्था कर सकें। रैपिड रेल निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने वाली दुकानों के क्षेत्र की गणना नाली या नाले से की जाए। रैपिड रेल निर्माण के कारण सड़क के दोनों और तोड़ी जाने वाली दुकानों के नुकसान का आंकलन कर दुकानों को तोडे जाने से पूर्व व्यापारियों से सहमति बनाकर मुआवजे का भुगतान करने के बाद दुकानों को तोड़ा जाए।

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