किसानों की समस्या लेकर गए सपाइयों को कमिश्नरी गेट पर रोका

 मेरठ  गुरुवार को गन्ना किसानों की समस्याओं पर ज्ञापन लेकर पहुंचे सपाइयों को कमिश्नर कार्यालय में एंट्री नहीं दी गई। सपाइयों को मंडलायुक्त कार्यालय के गेट पर ही रोक दिया गया। गार्ड ने गेट बंद कर दिया। कहा. आज छुट़्टी है, कल आना। सपाइयों ने इसका विरोध किया। कहा कि सरकार किसानों की शिकायत का ज्ञापन नहीं ले सकती वो किसानों की परेशानी क्या दूर करेगी।
दरअसल गुरू गोविन्द सिंह की जंयती पर सरकार अवकाश था। सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह के साथ सपा के अन्य कार्यकर्ता मेरठ कमिश्नर से मिलने पहुंचे थे। सपाई कमिश्नर को गन्ना किसानों की समस्याओं का एक ज्ञापन देने आए थे। लेकिन जैसे ही कमिश्नर कार्यालय के गेट पर पहुंचे तो उन्हें बाहर ही रोककर गेट बंद कर दिया गया। पूछने पर बताया कि कमिश्नर मैडम बाहर हैं। आज प्रकाश पर्व का सरकारी अवकाश है दफ्तर बंद हैं।
सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह का कहना है कि हमें गेट पर रोककर गेट लगा दिया गया। बताया कमिश्नर मैडम बाहर हैं। आज छुट्?टी है। दफ्तर में अंदर असिस्टेंट कमिश्नर बैठी थी। वो हमारा ज्ञापन ले सकती थी। लेकिन उनसे भी हमें मिलने नहीं दिया गया। न ही किसानों की समस्याओं को सुनने का समय उन्होंने दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि हम लोग किसानों की गन्ना मूल्य निर्धारण, गन्ने का बकाया भुगतान ये परेशानी लेकर आए थे। लेकिन हमारी आवाज ही नहीं सुनी गई। कहा कि छुट्टी है तो क्या सरकार काम नहीं करेगी। किसान हितैषी बन रही सरकार अभी तक गन्ने का मूल्य डिक्लेयर नहीं कर पाई है। देश का व्यापारी, छात्र, मजदूर, किसान सरकार ने मार दिया है। जो अन्नदाता देश को अन्न देता है उसे सरकार खत्म करने पर तुली है।

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