अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ तो लेंगे न्यायालय की शरण


अयोध्याधाम
।अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर व्यापारियों पर तानाशाही रवैया से अब व्यापारी लामबंद होने लगे हैं। एक बार फिर अयोध्या में राम पथ निर्माण को लेकर गिराए जाने की कार्यवाहीं शुरू होते ही व्यापारी सड़क पर उतर पड़े है और अयोध्या में अनिश्चितत काल के लिए दुकानों को बन्द करने का एलान कर दिया है। शनिवार को घण्टों अयोध्या के बाजार को बंद भी कर दिया गया था। व्यापारियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद भी प्रशासन के अधिकारी व्यापारियों के साथ तानाशाही रवैया अपना रहे हैं व्यापारियों को उचित मुआवजा भी नही दिया जा रहा है। और बिना किसी सूचना के अचानक दुकानों को गिराए जाने की कार्रवाई भी शुरू कर रहे हैं।


व्यापारियों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस प्रोजेक्ट का विरोध नहीं है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी व्यापारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं स्थानीय व्यापारी के मुताबिक दुकानों को तोड़े जाने के पहले उन्हें उचित मुआवजा और समय दिया जाए जिससे वह अपनी दुकान को पीछे कर सकें लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं।


यही नही पूर्व में भक्ति पथ मार्ग पर राम गुलेला पर गिरे गई 36 दुकानों में विवादित 15 दुकानों के व्यापारी अब प्रसासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताते चले कि भक्ति पथ मार्ग पर राम गुलेला मार्ग पर 23 नवंबर को भक्ति पथ मार्ग के चौड़ीकरण की जद में तोड़ी गई दुकानों के 15 दुकानदारों जबरन दुकानों पर बुलडोजर चला कर दुकान में तोड़ फोड़ करने और लूटने का आरोप लगा रहे हैं। जिसको लेकर व्यापारियों ने शिकायती पत्र जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से भेजा है। शिकायती पत्र में व्यापारियों ने मांग की है कि कार्यवाही में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा पंजीकृत करें पत्र में चेतावनी देते हुए व्यापारियों ने कहा है कि अगर अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे। व्यापारियों ने कार्यवाही में शामिल अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमा पंजीकृत किए जाने की मांग की है पत्र में उल्लेख किया है कि अगर कार्रवाई में शामिल एडीएम प्रशासन उप जिलाधिकारी सदर अयोध्या क्षेत्राधिकारी अयोध्या एसओ आरजेबी और कटरा चौकी इंचार्ज के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किया जाए नहीं तो व्यापारी कोर्ट की शरण में जाएंगे व्यापारियों ने दलील दी है कि हमें दुकानों तक नहीं जाने दिया गया हमारी दुकानों में लाखों का सामान था जिसे उठा ले गए।

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