शहीदों के बलिदान का परिणाम है आजादीः प्रो.मिथिलेश सिंह


वाराणसी। श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी के वीरांगना सभागार में "आजादी का अमृत महोत्सव"कार्यक्रम के अंतर्गत 'भारत छोड़ो आंदोलन' व 'काकोरी दिवस की पूर्व संध्या पर महाविद्यालय के प्राचीन इतिहास ,पुरातत्व व संस्कृति विभाग  द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में प्राचीन  इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष तथा  महाविद्यालय के "आजादी का अमृत महोत्सव" कार्यक्रम के समन्वयक  डॉ दुष्यंत सिंह ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' व 'काकोरी दिवस' पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने  कहा कि आजादी हासिल करने में लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आभा सक्सेना ने अपने वक्तव्य में कहा कि आजादी की कीमत को हमें महसूस करने और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार होने की वर्तमान में आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज की प्राचार्य प्रो मिथिलेश सिंह ने कहा की आजादी हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का परिणाम है। हम आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमारा कर्तव्य और नैतिक दायित्व है कि हम उन सेनानियों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें। भारत छोड़ो आंदोलन में बड़े नेताओं के गिरफ्तार हो जाने के पश्चात  जयप्रकाश नारायण, डा राम मनोहर लोहिया जैसे समाजवादियों तथा अरुणा आसिफ अली व उषा मेहता जैसी वीरांगनाओं ने भूमिगत रहकर इस आंदोलन को गति और शक्ति प्रदान की।
कार्यक्रम का संचालन प्राचीन इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सरला सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ  मनीषा सिन्हा ने किया। इस अवसर पर प्राचीन इतिहास विभाग की छात्राओं ने अगस्त क्रांति और काकोरी दिवस पर लघु नाटक भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रशासन डॉ.ओपी चौधरी, छात्रा कल्याण अधिष्ठाता डॉ सुमन मिश्रा, आजादी का अमृत महोत्सव की सह समन्वयक डा नंदिनी पटेल, इतिहास विभाग के सभी प्रवक्ताओं के साथ महाविद्यालय के विभिन्न विषयों के प्रवक्तागण व छात्राएं उपस्थित रही।

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