अब मां और नवजात को अलग नहीं कर पाएगी बीमारी

. शासन के निर्देश पर जनपद में 12 ब्लॉक की सीएचसी पर एमएनसीयू बनाई गईं
.  मां के स्पर्श के साथ नवजात को मिलेगी चिकित्सकीय सुविधा
.  प्रसूता को स्तनपान कराने का सही तरीका भी बताया जाएगा

 
मेरठ, 16 जून, 2022। स्वास्थ्य विभाग की ढांचागत सुविधाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। जिले के 12 ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों(सीएचसी) पर बनायी गयी मदर न्य बोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) पर स्टाफ नर्स की तैनाती ट्रेनिंग के बाद कर दी गयी है। अब देहात की महिलाओं को शहर के सरकारी अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पडेंगे। क्षेत्रीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही एमएनसीयू   की सुविधा मिलेगी।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश  मोहन  ने बताया - सरकार का प्रयास है कि अब तक केवल जनपद स्तर पर मुहैया कराई जा रहीं सुविधाएं ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध हो सकें। इससे लाभार्थियों को जिला मुख्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, वहीं जनपद स्तरीय चिकित्सालयों पर काम का बोझ थोड़ा कम होगा,इससे जनपद स्तरीय चिकित्सालयों में उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता और बेहतर हो सकेगी। उन्होंने बताया जिला महिला चिकित्सालय में सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मवाना,दौराला और सरधना में न्यू बोर्न स्टेबलाइज यूनिट (एनबीएसयू)थी।



डा. अखिलेश मोहन ने बताया - ब्लॉक स्तर पर एमएनसीयू की सुविधा मिलने से दूर-दराज के क्षेत्रों से मेरठ शहर तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। एमएनसीयू में कमजोर, बीमार और समय से पूर्व जन्मे बच्चों को जरूरी उपचार अपनी मां के साथ रहते हुए मिल सकेगा। एमएनसीयूए कंगारू मदर केयर यूनिट के रूप में काम करेंगी। उन्होंने बताया जिले के 12 ब्लॉक में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ने एक जून से कार्य करना आरंभ कर दिया है।इसके लिये 54 स्टॉफ नर्स को लखनऊ से आयी कम्युनिटी एम्पावरमेंट लैब टीम ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया, जिसमें कृष्णा सिंह,अन्नू,जैस्मीन आदि शामिल रहीं।  
 सीएमओ ने बताया दरअसल, नवजात की अच्छी ग्रोथ के लिए मां का स्पर्श बहुत जरूरी है। मां से स्पर्श पाकर नवजात खुद सुरक्षित महसूस करता है। एमएनसीयू में एएनएम प्रसूताओं की स्तनपान कराने में भी मदद करेंगी और उन्हें केएमसी और  स्तनपान का सही तरीका भी सिखाएंगी और जन्म के पहले घंटे में केएमसी और स्तनपान का महत्व भी समझाएंगी।
मां का पहला गाढ़ा और पीला दूध शिशु के लिए कुदरती टीके काम काम करता है, इसलिए प्रसव के एक घंटे में स्तनपान बहुत जरूरी है, लेकिन जागरूकता के अभाव में बहुत कम बच्चों को ही पहले घंटे में स्तनपान कराया जाता है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-पांच के मुताबिक जनपद में केवल 18.4 प्रतिशत बच्चों को पहले घंटे में स्तनपान कराया गया। ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर एमएनसीयू शुरू करने से केएमसी और स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. पूजा शर्मा ने बताया 12 ब्लॉक पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर छह -छह बेड की एमएनसीयू बनाई गई हैं। उन्होंने बताया उत्तर प्रदेश में मेरठ पहला मंडल है जहां जिला महिला चिकित्सालय के साथ साथ सीएचसी पर  भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।

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