- शादी के दो साल बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर जरूरी
हापुड़, 22 जून, 2022। मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि पहले बच्चे का जन्म शादी को दो साल बाद ही हो। इसके साथ ही दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी जरूरी है। दरअसल तीन साल महिला को दोबारा गर्भधारण करने लायक होने के लिए तीन साल के समय की जरूरत होती है। वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा ने बुधवार को यह बातें कहीं। उन्होंने बताया प्रसव के दौरान हुई रक्त की कमी की भरपाई के लिए महिला को दोबारा इस लायक होने के लिए समय की जरूरत
होती है। इस बीच पहले बच्चे को स्तनपान कराने के लिए भी मां को अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसलिए दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर जरूरी है, और यह केवल परिवार नियोजन के जरिए ही संभव है।
डा. रेखा शर्मा बताती हैं कि परिवार नियोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त बास्केट ऑफ च्वाइस उपलब्ध कराता है। इसके लिए हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, हर बृहस्पतिवार को अंतराल दिवस के मौके पर भी परिवार नियोजन से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं और बताया जाता है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. प्रवीण शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थी की स्थिति के मुताबिक परामर्श दिया जाता है। पुरुष और महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं। हापुड़ के अर्जुन नगर निवासी 27 वर्षीय निकहत (बदला हुआ नाम) बताती हैं कि मंगलवार को खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर उन्होंने यूपीएचसी अर्जुन नगर जाकर बॉस्केट ऑफ च्वाइस की जानकारी ली। यूपीएचसी पर उपस्थित स्टाफ ने उन्हें बड़े अच्छे से समझाया और उसके बाद अपनी पसंद से तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन “अंतरा” अपनाया। डा. प्रवीण शर्मा का कहना है, परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाता है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश हैं कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं कि लााभार्थी के लिए कोई साधन विशेष उपयुक्त है या नहीं।
गढ़ मुक्तेश्वर सीएचसी पर 10 महिलाओं ने कराई नसबंदी
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया 20 जून को गढ़मुक्तेश्वर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर लगाए गए विशेष कैंप में 10 महिलाओं ने स्वेच्छा से नसबंदी कराते हुए परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया। 21 जून को आयोजित खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर सिंभावली सीएचसी पर एक पुरुष नसबंदी हुई। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में जनपद में 32 महिलाओं ने आईयूसीडी, 13 ने पीपीआईयूसीडी, 24 ने त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और 98 महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोली माला एन व 55 ने छाया अपनाई। खुशहाल परिवार दिवस पर 1019 कंडोम और 12 ईसीपी वितरित की गईं।
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