क्या हुई खता मुझसे

     
क्या हुई खता मुझसे
बेवजह मुंह मोड़ गई
दे रहा आवाज बेसब्र दिल
कल दिल मिला,
आज छोड़ गई
 
एतबार किया था कितना
ले गई मेरा सुकून
क्या मिला दिल तोड़कर
सवार कैसा तेरा ये जुनून
निकलती रही आहें
और बंधन गर साथ
जोड़ गई
कल दिल मिला,
आज छोड़ गई

तू मिली तो लगा
सफर का साथ मिला
दिल देते तुझको
राहत का फूल खिला
क्या चल रहा था तुझ में
मेरे अरमानों को छोड़ गई
कल दिल मिला,
आज तोड़ गई

क्या हुई खता मुझसे
वेबजह मुंह मोड़ गई
दे रहा आवाज बेसब्र दिल
कल दिल मिला,
आज छोड़ गई
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- राजेंद्र कुमार सिंह
लिली आरकेड, मेट्रो जोन, नाशिक।


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