आशा संगिनी का प्रशिक्षण हुआ पूरा, अब आशा कार्यकर्ताओं का करेंगी मार्गदर्शन
मेरठ,4 अप्रैल 2022। आशा कार्यकर्ताओं को फील्ड में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिये आशा संगिनी व बीसीपीएम को प्रशिक्षण दिया गया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज के एडी कार्यालय स्थित ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित हुआ। इसमें आशा संगिनियों को बताया गया कि क्लस्टर बैठक में वह मुख्य स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विषयों पर आशा कार्यकर्ताओं का नियमित क्षमतावर्धन कर उनके ज्ञान को कैसे बढ़ाएंगी। आशा संगिनियों व बीसीपीएम को डीसीपीएम और यूपीटीएसयू की ओर से प्रशिक्षण दिया गया।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. पूजा शर्मा ने बताया- स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता एक महत्वपूर्ण कड़ी है। फील्ड में उन्हें कभी कभी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उनका मार्गदर्शन होना अति आवश्यक है। इसी कड़ी में आशा संगिनी व बीसीपीएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि डायरिया से कैसे बचाव एवं उपचार कियाजाए। कम वजन के बच्चों का प्रबंधन कैसे किया जाएगा।परिवार नियोजन में संस्थागत प्रसव के लिये कैसे दंपति को जागरूक कियाजाए। नवजात के खतरों के लक्षणों की कैसे पहचान कीजाए। गर्भवती की प्रसव पूर्व कैसे देखभाल के साथ कैसे आयरन टेबलेट का सेवन कराना है। उच्च जोखिम वाली गर्भवती की पहचान कर कैसे उसका सुरक्षित प्रसव कराना है,प्रसव पश्चात महिला में खतरे के लक्षणों की पहचान कैसे करनी है। इसके साथ ही नवजात शिशु की देखभाल आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
डीसीसीपीएम हरपाल सिंह ने बताया- तीन दिन चले प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद की ८२ आशा संगिनियों व बीसीपीएम ने भाग लिया। प्रशिक्षण शिविर में परिवार नियोजन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कैसे कमी लायी जा सकती है। परिवार नियोजन के आधुनिक साधन कौन-कौन से हैं। आशा कार्यकर्ता एवं आशा संगिनी की इसमें क्या भूमिका हो सकती है। प्रशिक्षण में आशा संगिनियों को गर्भवती महिलाओं का चिह्नांकन एवं गर्भ का पता लगा कर जल्द पंजीकरण कैसे करें,प्रसवपूर्व कितनी जांच आवश्यक हैं और कौन –कौनसीजांच की जानी चाहिए, प्रसवपूर्व आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) एवं कैल्शियम का सेवन कैसे करना है, इस सब के बारे में बताया गया।
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