प्रवासी मजदूर फिर लौटने लगे अपने घरों की ओर
नई दिल्‍ली (एजेंसी)।कोरोना महामारी की नई लहर और ओमिक्रोन के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक बार फिर पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है। बदले हालात को देखकर प्रवासी मजदूर भी सहम गए हैं। कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान देश के तमाम शहरों में लगी लाकडाउन जैसी पाबंदियों की आशंकाओं को देखते हुए प्रवासी मजदूरों ने अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया है।
प्रवासी मजदूर पिछले लाकडाउन के दौरान पैदा हुई समस्याओं और तकलीफों को याद कर खौफजदा हो जाते हैं। राष्‍ट्रीय राजधानी में मजदूरी करके अपनी रोजी-रोटी चला रहे हेमंत मौर्य इस डर से कि दिल्ली में कहीं लाकडाउन न लग जाये पहले ही अपने घर की ओर रवाना हो गए। वह कहते हैं कि पिछली बार मैं अपने परिवार के साथ फंस गया था। दो दिन चार दिन इंतजार करते करते लाकडाउन बढ़ता गया। बाद में मुझे बहुत तकलीफें हुईं। हेमंत ऐसा फैसला लेने वाले अकेले नहीं है। यूपी के गोंडा जिले के राजू भी महामारी की तीसरी लहर को देखकर बेहद डरे हुए हैं। राजू कहते हैं कि पिछली बार जब लाकडाउन लगा था तब मेरा परिवार भी मेरे साथ फंस गया था। मेरे पास भोजन तक के लिए पैसे नहीं बचे थे। मैंने किसी तरह अपने एक मित्र से उधार लेकर घर लौट पाया था। इस बार मैं इंतजार नहीं करने वाला।
दिल्ली के प्रेम नगर में ठेकेदारी करने वाले तौफीक अहमद अम्बेडकर नगर के रहने वाले हैं। उनके गांव के कई मजदूर उनके साथ राष्‍ट्रीय राजधानी में काम करते हैं। उनका कहना है कि दिल्ली में कर्फ्यू लगने के पहले ही कई लोग अपने गांव वापस चले गए। कई अन्य मजदूर भी घर लौटना चाहते हैं।

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