सुपरटेक के ट्विन टावर को ढहाने का मामला
एजेंसी के नाम को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
नई दिल्ली (एजेंसी)।नोएडा अथॉरिटी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट के ट्विन टावरों को ढहाने के लिए 'एडिफिस' नामक एजेंसी को चुना गया है। शीर्ष अदालत ने नोएडा अथॉरिटी के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नोएडा अथॉरिटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रविंदर कुमार ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ को बताया कि ट्विन टावर को गिराने के लिए एडिफिस नामक एजेंसी का चयन किया गया है।
पीठ ने उस प्रस्ताव को मंजूर करते हुए सुपरटेक को एक सप्ताह के भीतर विध्वंस एजेंसी 'एडिफिस' के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के नोएडा अथॉरिटी को 17 जनवरी तक उस एजेंसी का नाम बताने के लिए कहा था, जिसे ट्विन टावर को गिराने का काम दिया जाएगा।
सुपरटेक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने पीठ को सूचित किया कि वह नोएडा प्राधिकरण द्वारा ढहाने के काम को अंजाम देने के लिए तय की गई एजेंसी पर सहमत हो गया है। त्रिपाठी ने कहा कि फिलहाल वह विध्वंस के लिए एनओसी लेने की प्रक्रिया में हैं। सुपरटेक ने शीर्ष अदालत को यह भी सूचित किया कि वह उन घर खरीदारों के लिए धनवापसी प्रक्रिया शुरू करेगी जिनके फ्लैटों को ध्वस्त किया जाना है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को सुपरटेक को 17 जनवरी तक घर खरीदारों को पैसा वापस करने की चेतावनी दी थी।
रियल एस्टेट कंपनी ने अदालत को बताया कि उसने घर खरीदारों से उनके खाते का विवरण मांगा है और वह मंगलवार (18 जनवरी) की सुबह से पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर देगी। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित उस आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें भवन मानदंडों के उल्लंघन के लिए सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 मंजिले ट्विन टावर-16 (अपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने का आदेश दिया गया था।

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