सच में मगर अटल बनकर दिखाना आसान नहीं
- राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा ‘गीत नया गाता हूं’ का आयोजन
मेरठ। आज राष्ट्रीय कवि संगम संस्था द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय मैनेजमेंट काॅलेज (आईआईएमटी माल रोड) पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी  के स्मृति में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘गीत नया गाता हूँ’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में माननीय सांसद महोदय राजेन्द्र अग्रवाल  मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय कवि संगम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जगदीश मित्तल  की पावन उपस्थिति रही।। कार्यक्रम की अध्यक्षता योगेश जैनसमाज सेवी  ने की। उपस्तिथ अतिथियों में संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय गुप्ता , संयुक्त व्यापार संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष  कमल ठाकुर , अश्विनी गुप्ता  महानगर अध्यक्ष क्रीड़ा भारती, मेरठ रत्न ठाकुर सचिन तोमर जी रहे। पूरी तरह से भरे हुए इस हाॅल में कवियों ने हर रस की कविता पढ़कर श्रोताओं को विभिन्न तरह के रसों में सरोबार कर दिया। कार्यक्रम में आईआईएमटी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर व संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ मयंक अग्रवाल ने अपने उदबोधन में सभी अतिथियों का स्वागत किया।।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल जी ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम का उद्देश्य राष्ट्रीय जागरण है। राष्ट्रीय कवि संगम पूरे देश मे कविता के माध्यम से जाग्रति लाने का कार्य लगातार कर रहा है। आगामी वर्ष 2022 में एक बहुत ही विशाल राम काव्य यात्रा राष्ट्रीय कवि संगम के माध्यम से निकाली जा रही है जो श्रीलंका से शुरू होकर 6000 किमी की दूरी तय करते हुए अयोध्या पर समाप्त होगी।
प्रान्त संगठन महामंत्री अनुराग कुमार ने सभी का परिचय दिया। प्रान्त के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुर  ने सभी का स्वागत किया। संचालन विमल ग्रोवर के द्वारा किया गया  प्रान्त प्रभारी श्री शीलवर्धन ने कार्यक्रम के उपरांत सभी का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम मे नगीन प्रकाशन से  मोहित जैन को राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया। व सरधना ईकाई से संजय जी को ईकाई के संयोजक की  जिम्मेदारी दी गयी संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तलद्वारा शाॅल पहना कर उनको ये दायित्व दिया गया। कार्यक्रम में संस्कार भारती का भी सहयोग रहाप्
कार्यक्रम में श्री राम काव्य पाठ प्रतियोगिता के प्रथम तीन विजेताओं को पुरूस्कार वितरण भी किया गया प्रथम स्थान पर आई धरा खरे को 5000 रुपये, द्वितीय स्थान पर रहे पंकज राणा को 3000 रुपये व् तीसरे स्थान पर रहे आर्यन शर्मा को 2000 रुपये का पुरस्कार दिया गया
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री मयंक अग्रवाल जी, कोमल रस्तोगी, नितीश राजपूत, मनोज गुप्ता जी, अंकुर कुमार, सुमनेश सुमन, सुषमा सवेरा जी, नीलम मिश्रा जी, संजय जैन जी, प्रवीन कुमार जी, शीलवर्धन जी, आईआईएमटी माल रोड के डीन डाॅ. मनोज शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम में विख्यात कवि व कार्यक्रम संचालक कवि विमल ग्रोवर ने अपनी कविता पढ़ते हुए कहा, ‘पत्र वही विदेश में जाकर धन-दौलत कमाता रहा, पर वो मां बेटे की याद में कंकाल बन कर मर गयी
दिल्ली से आये हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि डा. प्रवीण शुक्ल ने पढ़ा, ‘जाने कितने अनुभवों का है यही बस सार अंतिम, ना कोई भी जीत अंतिम, न कोई भी हार अंतिम।
दिल्ली से आये हास्य कवि रसिक गुप्ता जी ने पढ़ा मोक्ष हम पायें न पायें चाहते केवल यही, जन्म भारत में मिले, हम कवि बने हर जन्म।
मुरादाबाद के प्रसिद्ध हास्य कवि डा. प्रतीक गुप्ता ने पढ़ा, अटल हूं यह कह देना आसान है बहुत, सच में मगर अटल बनकर दिखाना आसान नहीं होता।
चंद्र शेखर मयूर जी ने पढ़ा, देश हित में जियूं, देश हित में मरूं, गर मिलें सौ जन्म भी समर्पित करूं।
नीतीश राजपूत ने पढ़ा, ये शोहरत कुछ दिनों की है फिर किसे याद आयेंगे, मेरा दावा है दुनिया बात सारी भूल जायेगी।

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