मेरठ। वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मिली विजय के उपलक्ष्य में इस पूरे साल स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया जा रहा है। देशभर में विभिन्न आयोजनों के साथ ही भारतीय सेना भी हर जगह स्वर्णिम विजय वर्ष के आयोजन कर रही है। इस कड़ी में एक साल पहले 16 दिसंबर 2020 को देश के अलग-अलग हिस्सों में स्वर्णिम विजय ज्योति से हर क्षेत्र को जोड़ने के लिए विजय ज्योति दिल्ली से रवाना हुई थी। उत्तर भारत की विजय ज्योति 17 दिसंबर 2020 को मेरठ आकर आगे बढ़ी थी और अब एक दिसंबर को पुनः मेरठ छावनी में पाईन डिवीजन ने विजय ज्योति का स्वागत किया। पाईन डिव के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल संजय हुड्डा ने विजय ज्योति का स्वागत करते हुए देश के उन वीर सपूतों और शहीदों को नमन किया,जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी और पाकिस्तानी सेना को घुटने पर ला खड़ा किया था। मेरठ छावनी से यह विजय ज्योति दिल्ली के लिए रवाना होगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में गई विजय ज्योति 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर एक साथ दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
आजादी की रक्षा करने वालों को हौसला देगी ज्योति।
पाईन डिव के जीओसी मेजर जनरल संजय हुड्डा ने कहा कि वर्ष 1971 का विजय हमारे लिए गौरव का प्रतीक है। यह स्वर्ण जयंती हमें उसी गौरव का एहसास दिलाती है। 16 दिसंबर 2020 को शाम 4:00 बजे निकली विजय ज्योति उत्तर भारत में परमवीर चक्र और महावीर चक्र से सम्मानित शहीदों व सैनिकों के गांव-गांव घूमते हुए वापस मेरठ छावनी पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह विजय ज्योति हमारी विजय और बलिदान का प्रतीक है। उस युद्ध में पाईन डिव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें पाइन डिव को 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र से नवाजा गया था। इस मौके पर उन सभी शहीदों व वीरों को नमन है जिन्होंने देश का मान सम्मान ऊंचा रखा और मानवता के लिए हंसते-हंसते न्योछावर हो गए। मेजर जनरल हुड्डा ने कहा कि यह विजय ज्योति आजादी की रक्षा करने वालों को हौसला देगी और जरूरत पड़ने पर हम दुश्मन को सबक सिखाने के लिए तैयार रहेंगे।


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